पिथौरागढ़:नंदादेवी क्षेत्र में देखे गए 5 पर्वतारोहियों के शवों को वापस लाने के लिए अब डेयरडेविल अभियान शुरू हो गया है. आईटीबीपी के नेतृत्व में चलाए जा रहे इस अभियान में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और आईएमएफ के प्रशिक्षित पर्वतारोही जवान शामिल हैं. इस अभियान के शुरुआती चरण में एक हफ्ते तक दल के सदस्यों को नंदा देवी बेस कैंप में पर्यावरण के अनुरूप ढलने की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिसके बाद ये दल पैदल रास्ते को खोलते हुए घटना स्थल की ओर रवाना होगा.
पर्वतारोहियों के शवों को वापस लाने के लिए जिला प्रशासन अबतक का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने जा रहा है. इस रेस्क्यू ऑपरेशन में कम से कम 23 दिन लगेंगे. इस दौरान बारिश और बर्फबारी होने पर ये मिशन लंबा चलने की संभावना है. प्रशासन की कार्ययोजना के मुताबिक, रेस्क्यू दल को भारतीय वायु सेना के हेलीकाप्टर के जरिये नंदा देवी बेस कैंप तक पहुंचाया जाएगा. जिसके बाद अभियान दल के सदस्यों को एक हफ्ते की एक्लाइमेटाइजेशन ट्रेनिंग दी जाएगी.
जिलाधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया कि अभियान दल ट्रेनिंग पूरी होने के बाद पैदल मार्ग को खोलते हुए घटना स्थल तक पहुंचेगा. यहां से शवों को ऐसे स्थान तक पहुंचाया जाएगा, जहां से हेलीकॉप्टर के जरिये शवों को मुनस्यारी से पिथौरागढ़ लाया जा सके. उन्होंने बताया कि इस अभियान में कुल 34 सदस्य हैं. जिनमें से 18 सदस्यीय टीम अभियान को लीड करेगी जबकि बाकी लोग बैकअप के लिए बेस कैंप में रहेंगे. उन्होंने बताया कि इस मिशन में करीब 10 लाख रुपये का खर्च आ सकता है, जिसकी शासन स्तर से व्यवस्था कर ली गई है.