पिथौरागढ़: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पैतृक गांव टुंडी में आज भी लोग अदिम युग सा जीवन जीने को मजबूर हैं. आजादी के 7 दशक बीत जाने के बाद भी ये गांव सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और संचार जैसी मूलभूत सुविधाओं से पूरी तरह अछूता है. आलम ये है कि ग्रामीणों को जिला मुख्यालय जाने या आस-पास की बाजार से सामान लाने के लिए भी 5 किलोमीटर की दूरी पैदल नापनी पड़ती है. जिसके बाद ही सड़क के दर्शन हो पाते हैं. ग्रामीण अब सीएम से गांव की तस्वीर बदलने की आस लगाए बैठे हैं.
बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का पैतृक गांव टुंडी, कनालीछीना विकासखंड के ग्राम पंचायत बारमो के अंतर्गत आता है. जो पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल का विधानसभा क्षेत्र है. मौजूदा समय में इस गांव में कुल 35 परिवार निवास करते हैं, जो काफी कठिन परिस्थितियों में अपना जीवन गुजारने को मजबूर हैं. गांव में स्वास्थ्य सेवाओं की बात करना तो बेमानी ही है. आलम ये है कि सीएम के गांव में एक एएनएम सेंटर तक नहीं है.
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हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई करने के लिए छात्रों को 10 किलोमीटर दूर छड़नदेव इंटर कॉलेज जाना पड़ता है. गांव के अधिकांश युवा बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं. गांव में रोजगार का एकमात्र साधन कृषि और पशुपालन है, लेकिन सड़क नहीं होने के कारण लोग गांव का उत्पाद बाजार तक नहीं पहुंचा पाते हैं.
पुष्कर सिंह धामी के सीएम बनने से उनके रिश्तेदार और गांव के लोग काफी उत्साहित हैं. साथ ही ग्रामीणों की कई उम्मीदें भी सीएम पर टिकी हुई हैं. रिश्ते में सीएम की दीदी पौत्री देवी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनने की बधाई देते हुए कहा कि पूरे प्रदेश की जनता को उनसे उम्मीदें हैं, जिस पर उन्हें खरा उतरना है. साथ ही उन्होंने गांव को सड़क से जोड़ने की मांग की है.