पिथौरागढ़ में कार खाई में गिरी पिथौरागढ़: सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के नाचनी थाना क्षेत्र के होकरा में भीषण सड़क दुर्घटना हुई है. यहां एक बोलरो वाहन खाई में गिरने से 10 लोग मौत के गाल में समा गए. हादसे में मरने वालों में 7 लोग शामा के रहने वाले थे तो वहीं 3 लोग भनार के निवासी थी.
पिथौरागढ़ में बोलेरो खाई में गिरी: बोलरो में 10 लोग सवार थे. प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो बोलेरो वाहन करीब 600 मीटर गहरी खाई में गिरा. सभी यात्री मंदिर दर्शन के लिए जा रहे थे. पुलिस ने हादसे की सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम घटनास्थल के लिए टीम रवाना की. आईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे ने खुद रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजर रखी.
हादसे में 10 लोगों की मौत: बताया जा रहा कि बोलेरो वाहन खाई में गिरा है. आईजी कुमाऊं नीलेश आनंद भरणे ने बताया कि पुलिस और एसडीआरएफ की टीम तत्काल मौके पर रवाना की गई थी. पहाड़ी होने की वजह सड़क उबड़ खाबड़ है. गड्ढों से बचने के चक्कर में चालक ने गाड़ी ज्याद नीचे की ओर काट दी थी.
पिथौरागढ़ हादसे में जान गंवाने वालों के नाम-
- किशन सिंह पुत्र खुशाल सिंह (उम्र 64 वर्ष), निवासी- शामा, कपकोट, बागेश्वर
- धर्म सिंह पुत्र पदम सिंह (उम्र 69 वर्ष), निवासी- शामा, कपकोट, बागेश्वर
- कुंदन सिंह पुत्र श्री खीम सिंह (उम्र 58 वर्ष), निवासी- शामा, कपकोट, बागेश्वर
- निशा पत्नी उमेश सिंह (उम्र 24 वर्ष), निवासी- शामा, कपकोट, बागेश्वर
- उमेश सिंह पुत्र कुंदन सिंह (उम्र 28 वर्ष), निवासी- शामा, कपकोट, बागेश्वर
- शंकर सिंह पुत्र प्रताप सिंह (उम्र 42 वर्ष), निवासी- शामा, कपकोट, बागेश्वर
- सुंदर सिंह पुत्र खुशाल सिंह (उम्र 37 वर्ष), निवासी- शामा, कपकोट, बागेश्वर
- खुशाल सिंह पुत्र उदय सिंह (उम्र 64 वर्ष), निवासी- भनार, बागेश्वर
- दान सिंह पुत्र मंगल सिंह (उम्र 52 वर्ष), निवासी- भनार, बागेश्वर
- महेश सिंह पुत्र मोहन सिंह (उम्र 35 वर्ष) चालक, निवासी- भनार, कपकोट
पूजा करने जा रहे थे लोग: शामा के लोग पूजा के लिए जा रहे थे. चालक ने सड़क पर कटाव होने के कारण बोलेरो ज्यादा किनारे ले ली, इसी दौरान हादसा हो गया. प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि जगह-जगह बोलेरो सवार यात्रियों के शव पड़े हुए थे.
पिथौरागढ़ हादसों के लिए संवेदनशील जिला: उत्तराखंड का पिथौरागढ़ जिला हादसों के लिए संवेदनशील जिला है. ये पहाड़ी जिला भूकंप की दृष्टि से भी जोन फाइव में आता है. इस जिले की सड़कें घुमवदार और संकरी हैं. सड़क से नीचे गहरी खाई हैं. खाई भी ऐसी हैं कि अगर सुनसान जगह पर हादसा हो जाए तो कई दिन तक लोगों को पता भी नहीं चलता है. वो तो गनीमत रही कि नाचनी इलाके में हुए हादसे का लोगों को पता चल गया है.
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