पिथौरागढ़: हिमस्खलन के चलते बाधित हुई छोटा कैलाश यात्रा मार्ग को खोलने में बीआरओ को सफलता मिली है. चीन सीमा को जोड़ने वाला ये मार्ग सामरिक नजरिये से काफी अहम है. धारचूला बीआरओ के 65 आरसीसी ग्रिफ ने 14 हजार से 19 हजार 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित गुंजी से ज्योलीकांग तक 35 किलोमीटर सड़क को यातायात के लिए खोल दिया है. मार्ग खुलने से सीमा पर तैनात जवानों के साथ ही सीमांत में रहने वाले ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है.
हिमस्खलन से बंद गुंजी-कुटी-ज्योलीकांग मार्ग खुला. बता दें कि बीआरओ ने बीते साल गुंजी-कुटी-ज्योलीकांग तक सड़क का निर्माण कर दिया था. शीतकाल में सुरक्षाकर्मी और गांव के लोग नीचे की घाटियों में आ जाते हैं, लेकिन इस बार अधिक बर्फबारी और एवलांच की वजह से ये मार्ग बंद हो गया था. जिसके चलते सुरक्षा एजेंसियों के साथ ही बॉर्डर के अंतिम गांव कुटी में माइग्रेशन की गतिविधि ठप हो गई थी.
गुंजी-कुटी-ज्योलीकांग मार्ग. ये भी पढ़ेंःवैज्ञानिकों की टीम ने किया ऋषिगंगा क्षेत्र में ग्लेशियरों का हवाई सर्वेक्षण
बीआरओ ने युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए शनिवार को मार्ग खोल दिया है. जिसे खोलने में बीआरओ को दिन-रात कड़ी मशक्कत करनी पड़ी. सड़क खुल जाने से व्यास घाटी के 7 गांव के साथ ही सीमा की तैनात सुरक्षा कर्मियों को आवागमन में राहत मिलेगी. व्यास घाटी के 7 गांव के लोग पूजा पाठ और अपने मृत व्यक्तियों के अस्थियां को ज्योलीकांग तीर्थ स्थल में पहुंचाते है. मार्ग खुलने से उन्हें भी बड़ी राहत मिलेगी.
गुंजी-कुटी-ज्योलीकांग मार्ग पर बर्फ. बीआरओ के कमांडर कर्नल एनके शर्मा ने बताया कि सीमा में तैनात सुरक्षा कर्मियों के लिए आवागमन में सुविधा हो साथ ही सीमांत के लोगों को माइग्रेशन में जाने में दिक्कत न हो, इसे देखते हुए सड़क को खोलने के काम में तेजी लाई गई. अब सड़क खुल जाने पर सड़क निर्माण के अन्य कार्यों में भी तेजी आएगी. वहीं, चीन सीमा को जोड़ने वाले इस अहम मार्ग को खोलकर भारत ने फिर से अपनी मजबूत स्थिति दर्ज की है.