पिथौरागढ़: लिपुलेख तक सड़क पहुंचाकर भारत ने भले ही खुद को सामरिक नजरिए से मजबूत कर लिया हो, लेकिन चीन और नेपाल सीमा से सटे इन इलाकों में संचार सेवाओं का नामोनिशान तक नहीं है. जबकि बॉर्डर इलाकों में संचार के मामले में पड़ोसी मुल्क नेपाल भारत से आगे है. इसी का फायदा उठाकर नेपाली टेलीकॉम कंपनियां भारत में घुसपैठ कर रही हैं.
जानकर हैरानी होगी कि इन इलाकों में अवैध तरीके से नेपाली सिम इस्तेमाल किए जा रहे हैं. लोग न चाहते हुए भी यहां नेपाली कंपनियों के नेटवर्क का इस्तेमाल कराने को मजबूर हैं. सीमांत इलाकों में नेपाली संचार पर भारत की निर्भरता सुरक्षा के लिहाज से कभी भी बड़ा खतरा पैदा कर सकती है.
चीन और नेपाल से सटे धारचूला के सीमांत इलाके संचार के क्षेत्र में आज भी आदिम युग में हैं. यहां 80 किलोमीटर के दायरे में भारतीय संचार का नामोनिशान तक नहीं है. यहां लोग संचार के लिए नेपाली टेलीकॉम कंपनियों पर निर्भर हैं. नेपाली सिम का उपयोग करने के चलते लोगों को आईएसडी दरों से भुगतान करना पड़ता है.
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