पिथौरागढ़: कुमाऊं में भैयादूज का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. भाई बहन के प्रेम के प्रतीक इस त्योहार में च्यूड़े से सिर पूजने की परंपरा सदियों पुरानी है. आज भी इस परंपरा को मनाने के बहनें ससुराल से भाई को च्यूडे़ पूजने के लिए मायके आती है.
बता दें कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भैयादूज का त्योहार मनाया जाता हैं. इस मौके पर बहने च्यूडे़ को दूब और तेल के साथ मिलाकर भाईयों का सिर पूजा करती हैं. साथ ही उनकी सुख समृद्धि की कामना करती हैं.
भैयादूज का त्योहार भाई-बहन के अपार प्रेम और समर्पण का प्रतीक है. ये त्योहार भाई-बहन के प्रेम को मजबूत करता है. कुमाऊं में द्वितीया नाम से जाने जाने वाले इस त्योहार के लिए खास तैयारियां होती हैं. इस दिन के लिए कुछ दिन पहले से ही विशेष तरह के धान को भिगो दिया जाता है और भिगोए हुए धान को भूनकर ओखली में मूसल से कूटा जाता है. कूटने के बाद ये चावल चिपके हुए बन जाते है, जिन्हें कुमाऊंनी में च्युड़ा कहा जाता है.