श्रीनगर: हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय द्वारा उत्तराखंड के हर जनपद में स्थानीय युवाओं को गाइड के रूप में स्वरोजगार के अवसरों के लिए प्रोत्साहित करने की योजना चलाई जा रही है. युवा किसी एक विधा के साथ जुड़कर स्वयं को विकसित कर सकते हैं. उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद द्वारा उत्तराखंड के प्रत्येक जनपद में टूरिस्ट गाइड प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है. गढ़वाल विश्वविद्यालय के पर्वतीय पर्यटन व आतिथ्य अध्ययन केंद्र को प्रत्येक जनपद के अनुरूप पाठ्यक्रम प्रारूप के आधार पर प्रशिक्षण प्रदान करने की जिम्मेदारी दी गई है.
गढ़वाल विवि की पहल, युवाओं को रोजगार के अवसर देगा टूरिस्ट गाइड कोर्स, पढ़ें पूरी खबर
यदि आप टूरिस्ट गाइड बनकर उत्तराखंड के रमणीय स्थलों का दीदार करना चाहते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद द्वारा इस ओर कदम बढ़ाए गए हैं. स्वरोजगार से जोड़ने के लिए युवाओं को टूरिस्ट गाइड का प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिससे युवाओं को रोजगार के लिए भटकना ना पड़े.
परियोजना अधिकारी डॉक्टर सर्वेश उनियाल ने बताया कि दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में फील्ड स्ट्डी को भी शामिल किया गया है. विश्वविद्यालय द्वारा प्रशिक्षण के लिए विषय विशेषज्ञों का पैनल तैयार करते हुए स्थानीय स्तर की महत्वपूर्ण जानकारियों व ऑफ बीट टूरिस्ट डेस्टिनेशन, प्रकृति,संस्कृति,रोमांच, हेरिटेज,तीर्थाटन,विलेज टूरिज्म,एस्ट्रो टूरिज्म, वाइल्ड लाइफ टूरिज्म,बर्ड वाचिंग, स्टोरी टेलिंग जैसी विधाओं को कोर्स के प्रारूप में स्थान दिया गया है. वहीं अब तक देहरादून, हरिद्वार, टिहरी,पौड़ी तथा रुद्रप्रयाग जनपद में ये कोर्स आयोजित किए जा चुके हैं.
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गौर हो कि गढ़वाल विश्वविद्यालय द्वारा उत्तराखंड में एस्ट्रो टूरिज्म को भी बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है. इसके अंतर्गत स्वच्छ पर्यावरण के बीच तारा मंडल को देखने के अवसर पर्यटकों को मिलेंगे. जिसमें देवरिया ताल,चंद्रशिला,वेणीताल, जखोली, रानीचौरी, ग्वालदाम, बधाण गढ़ी, मुक्तेश्वर सहित प्रदेश के प्रमुख प्राकृतिक पर्यटन स्थलों,बुग्यालों में इस खास पर्यटन विधा से जोड़े जाने की बात की गई है.उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की अपर निदेशक पूनम चंद ने बताया कि जनपद सहित,प्रमुख स्थलों के लिए डेस्टिनेशन टूरिस्ट गाइड कोर्स भी संचालित किए जा रहे हैं. इसके लिए प्रमुख समाचार पत्रों के माध्यम से समय-समय पर जानकारी प्रकाशित की जाती रही है. साथ ही प्रत्येक जनपद में जिला पर्यटन अधिकारी कार्यालय में इस संदर्भ में जानकारी प्राप्त की जा सकती है.