श्रीनगर: इस कोरोना काल में हर किसी के माथे पर चिंता की लकीरें और चेहरे पर उदासी है. कोरोना के कारण लोग घरों में कैद हैं. ऐसे में पहाड़ का एक युवा गायक अपने गानों से इस नकारात्मक दौर में सकारात्मक कोशिशों में लगा हुआ है. दीपक चमोली नाम का ये युवा गायक इन दिनों सोशल मीडिया में अपने गानों से से लोगों को जागरूक करने के साथ ही एक नई उम्मीद जगा रहा है. 'निर्भगी कोरोना' गाने में युवा लोकगायक दीपक चमोली अपने अंदाज में हंसी-ठिठोली के साथ लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही अन्य सामाजिक संदेश भी दे रहे हैं. इसके अलावा भी दीपक चमोली अपनी क्रिएटिविटी से लगातार लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाने के साथ ही संस्कृति को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं.
दीपक चमोली, ये नाम इन दिनों उत्तराखंडी संगीत में हिट्स का पर्याय बन चुका है. सोशल मीडिया से लेकर समाज के हर तबके में दीपक चमोली के गाने एक नया एहसास जगाते हैं. बदलते दौर के साथ संगीत में नवाचार करते हुए आजकल दीपक चमोली अपने गानों को नये आयाम देकर सिंगिंग सेंसेशन बनते जा रहे हैं. सोशल मीडिया में कुतग्यालि बॉय के नाम से पहचाने जाने वाले दीपक चमोली पौड़ी गढ़वाल के श्रीनगर के रहने वाले हैं. दीपक को बचपन से ही संगीत में रुचि थी. वे शुरुआती दौर से ही हारमोनियम, तबला, ढ़ोलक की थाप पर गुनगुनाते हुए धीरे-धीरे उत्तराखंडी संगीत को सीखने की कोशिश करते थे.
पढ़ें-मध्य प्रदेश : पत्नी को मिली सजा, पति को कंधे पर बिठाकर पूरे गांव में घुमाया
सात साल की उम्र में दीपक ने गाना गाने का काम शुरू किया. इसके साथ ही वे अलग-अलग भारतीय संगीत की विधाओं जैसे गज़ल, कव्वाली, भजन, सूफी, पंजाबी अन्य बॉलीवुड, वेस्टर्न भी अच्छी तरह से समझते रहे और गाते रहे. उनकी कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि उत्तराखंडी संगीत इंडस्ट्रीज में दीपक चमोली के जाना पहचाना नाम है. आज हर कोई दीपक चमोली के साथ काम करना चाहता है. दीपक चमोली जितने शानदार गायक हैं उससे कई ज्यादा अच्छे और मिलनसार इंसान भी हैं, जिसकी झलक उनके गानों के वीडियोज में भी देखने को मिलती है.
पढ़ें-कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या में हुई बढ़ोतरी, एनटीसीए ने बढ़ाया बजट