श्रीनगर: उत्तराखंड के मैदानी जिले में जहां डेंगू ने कहर बरपा रखा है, वहीं पहाड़ी जिलों में स्क्रब टायफस के मामलों ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है. राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में स्क्रब टायफस के ग्रसित महिला की मौत हो गई. महिला चमोली की रहने वाली थी. तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उसे राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर रेफर किया गया था, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया. डॉक्टरों के मुताबिक राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में रोजाना स्क्रब टायफस के 15 से 20 मरीज आ रहे हैं. वहीं 16 मरीजों को वार्ड में भर्ती कराया गया है.
स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता की बात ये है कि चमोली और रुद्रप्रयाग जिले से स्क्रब टायफस के काफी मरीज आ रहे हैं. डॉक्टरों की मानें तो मॉनसून सीजन में स्क्रब टायफस के मरीज सबसे ज्यादा सामने आते हैं. यह बीमारी माइट या कीट से फैलती है.
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दरअसल, बारिश के बाद झाड़ियां काफी बढ़ जाती हैं. ऐसे में यदि खेत में काम करते हुए समय किसी व्यक्ति को कीट काट ले तो उसमें स्क्रब टायफस के बैक्टीरिया फैलना का खतरा बढ़ जाता है. डॉक्टरों ने बताया कि चमोली जिले की पिंडर घाटी की महिला स्क्रब टायफस से ग्रसित थी. उसे चमोली से राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर रेफर किया गया था. महिला का ब्लड प्रेशर लो था. उसका निमोनिया भी बिगड़ चुका था. स्क्रब टायफस से उसकी किडनी और लीवर में संक्रमण हो गया था. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
क्या है स्क्रब टाइफस?: बेस अस्पताल श्रीनगर के जनरल मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. केएस बुटोला ने बताया कि स्क्रब टाइफस को आम बोलचाल की भाषा में ग्रामीण दिमागी बुखार भी कहते हैं. यह माइट व चिगर्स के काटने से उत्पन्न बैक्टीरिया से फैलता है. इसमें तेजी से बुखार आना, सिर दर्द होना, जोड़ों में दर्द व मानसिक परिवर्तन जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं.