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'गोल्डन आयुष्मान' होने के बाद भी नहीं मिला इलाज, भटकते रहे परिजन, पर नहीं बची पिकीं

कोटद्वार की एक महिला के पास गोल्डन कार्ड होने के बावजूद इलाज नहीं मिल पाने से मौत हो गई. महिला की हार्ट की बाई-पास सर्जरी होने थी, लेकिन इलाज के लिए अस्पताल प्रशासन ने करीब ढाई लाख का कोटेशन थमा दिया. गरीब होने के कारण फीस नहीं चुका पाये.

कोटद्वार में आयुष्मान कार्ड से भी महिला को नहीं मिला इलाज

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Published : Mar 24, 2019, 7:37 AM IST

कोटद्वारःसरकार गरीबों को विभिन्न योजनाओं के तहत फ्री में इलाज करवाने का लाख दावा करती है, लेकिन धरातल पर गरीबों को इसका लाभ नहीं मिल पाता है. इसकी बानगी कोटद्वार में देखने को मिली है. रमेश नगर की रहने वाली एक महिला के पास आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद उसे इलाज नहीं मिल पाया, जिससे उसकी मौत हो गई. परिजनों का कहना है कि महिला की हार्ट की बाई-पास सर्जरी होने थी, लेकिन इलाज के लिए अस्पताल प्रशासन ने करीब ढाई लाख का कोटेशन थमा दिया. गरीब होने के कारण फीस नहीं चुका पाये.

जानकारी देते लोग.


जानकारी के मुताबिक कोटद्वार के नजीबाबाद रोड स्थित रमेश नगर की एक महिला पिंकी प्रसाद (30) हार्ट की बीमारी से ग्रस्त थी. परिजनों का कहना है कि महिला कई दिनों तक राजकीय चिकित्सालय कोटद्वार में भर्ती रही. जहां से डॉक्टरों ने उसे हायर सेंटर रेफर किया. देहरादून के कई अस्पतालों में महिला को इलाज के लिए ले जाया गया, लेकिन इलाज से पहले ही अस्पताल प्रबंधन ने कोटेशन थमा दिया. उन्होंने बताया कि एस्टीमेट में फीस काफी ज्यादा थी, जिसे वो नहीं जुटा पाये थे. जिसके चलते पिंकी ने देहरादून स्थित एक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.


मृतका की सास शकुंतला देवी ने बताया कि उनके पास आयुष्मान कार्ड भी था. उन्होंने महिला को कई अस्पतालों में दिखाया, लेकिन इलाज नहीं मिल पाया. उन्होंने बताया कि इलाज के लिए थोड़ी सहायता श्रम विभाग ने की थी. तब तक काफी देर हो चुकी थी.


समाज सेवी विपिन डोबरियाल का कहना है कि महिला के पास गोल्डन कार्ड होने के बावजूद कई अस्पतालों में इलाज नहीं मिल पाया. इससे पहले 22 फरवरी को गोल्डन कार्ड का लाभ ना मिलने को लेकर महिला और परिजनों ने तहसील परिसर में धरना दे चुके थे. आयुष्मान कार्ड के तहत इलाज वाले अस्पतालों में जाने के बाद भी उसे इलाज नहीं मिल पाया. उन्होंने कहा कि इसमें प्रशासन की लापरवाही सामने आ रही है. सरकार को मामले का संज्ञान लेना चाहिए. वहीं, अन्य समाज सेवी महेश नेगी ने बताया कि महिला के पास बीपीएल और आयुष्मान कार्ड भी था, लेकिन उसे कोई इलाज नहीं मिल पाया.

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