पौड़ीः सतपुली क्षेत्र के जखनोली में एक अजब-गजब विवाह समारोह देखने को मिला है. इस विवाह में दूल्हा और दुल्हन ही नहीं पहुंच पाए. ऐसे में परिजनों और ग्रामीणों ने दूल्हा-दुल्हन के बिना ही नारियल (श्रीफल) को प्रतीक मानकर पूरे विधि-विधान के साथ विवाह को संपन्न कराया. इस अनोखे विवाह समारोह को देखकर लोग काफी अचंभित नजर आए.
दरअसल, सतपुली क्षेत्र के जखनोली गांव में 18-19 अप्रैल को एक विवाह होना था. ग्रामीण अंकित के अनुसार दूल्हा गौतम दिल्ली में नौकरी करता है. जब विवाह से पहले उसने कोरोना जांच करवाई तो वो पॉजिटिव निकला. जिसके बाद दूल्हा दिल्ली में ही रुक गया. उधर, दुल्हन किरन भी खुद को संक्रमित महसूस कर रही थी. जिसके बाद दोनों ही लोग विवाह में शामिल नहीं हो पाए. परिजन लग्न को नहीं छोड़ना चाहते थे. दोनों परिवारों की सहमति से बिना दूल्हा-दुल्हन के ही उत्तराखंड के पारंपरिक विधि-विधान के साथ विवाह संपन्न करवा दिया गया.
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ग्रामीण अंकित ने बताया कि दूल्हा और दुल्हन दोनों ही विवाह में शामिल नहीं हो पाए. कोरोना का प्रकोप इस विवाह में सीधे देखने को मिला. लेकिन विवाह के तय दिन के अनुसार दोनों ही दूल्हा-दुल्हन का विवाह नारियल (श्रीफल) को प्रतीक मानकर पूरा किया गया. पारंपरिक विधि-विधान के साथ सर्वप्रथम मांगल गीतों और पारंपरिक मिष्ठान को बनाकर दोनों का विवाह संपन्न किया गया. यह पौड़ी जिले का अनोखा विवाह है. जिसे देखकर लोग काफी प्रभावित हुए हैं.
नारियल को प्रतीक मानकर हो सकती है शादी