उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

सरकारों की उदासीनता से लगातार खाली हो रहे गांव, पौड़ी में अब तक 33 गांव हुए पूरी तरह खाली

पलायन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पूर्व में 1212 ग्राम पंचायतो में हुए सर्वे के अनुसार जनपद में 1025 ग्राम पंचायतों में पलायन बढ़ा है. जिसमें 33 गांव पूरी तरह खाली हो चुके हैं. 1025 गांवों में करीब 47 हजार से अधिक लोगों ने आस्थाई रूप से पलायन किया है.

सरकारों की उदासीनता से लगातार खाली हो रहे गांव.

By

Published : Oct 15, 2019, 5:34 PM IST

पौड़ी: 15 ब्लॉक वाले जनपद में बीते 10 सालों में तेजी से पलायन के विभिन्न करण देखने को मिले हैं. शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, सड़क आदि सुविधाओं के अभाव में लोग लगातार ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन कर रहे हैं. हालांकि आज सरकारें खाली होते हुए गांवों को गुलजार करने के प्रयास में जुटी हुई हैं. जिसके लिए सरकार की ओर से तमाम प्रयास कि जा रहे हैं बावजूद इसके पहाड़ों में गांव फिर भी खाली हो रहे हैं. हालात ऐसे हैं कि जनपद के 33 गांव ऐसे हैं जो पूरी तरह खाली हो चुके हैं.

सरकारों की उदासीनता से लगातार खाली हो रहे गांव.
पलायन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार पूर्व में 1212 ग्राम पंचायतो में हुए सर्वे के अनुसार जनपद में 1025 ग्राम पंचायतों में पलायन बढ़ा है. जिसमें 33 गांव पूरी तरह खाली हो चुके हैं. 1025 गांवों में करीब 47 हजार से अधिक लोगों ने आस्थाई रूप से पलायन किया है. ये आंकड़ा दर्शाता है कि लोगों की जरूरत के अनुसार उन्हें समय पर सुविधाएं न मिलने के कारण लोग गांवों से विमुख होते चले जा रहे हैं. पौड़ी के कल्जीखाल ब्लॉक के ग्रामीणों ने बताया कि जिन क्षेत्रों से ग्रामीण लगातार सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा की मांग कर रहे थे उनकी मांग को पूरा करने में बहुत अधिक समय लगा. जिसके कारण लोग गांव से पलायन कर गये.

पढ़ें-कॉलेज प्रबंधन को सद्बुद्धि प्रदान करने के लिए छात्रों ने आयोजन किया बुद्धि शुद्धि यज्ञ

ग्रामीण सुरेंद्र सिंह नगी बताते हैं कि कल्जीखाल ब्लॉक के बलूनी गांव में एक व्यक्ति लंबे समय से पानी की मांग कर रहा था लेकिन उसकी मांग पूरी नहीं हुई जिसके कारण वह व्यक्ति गांव छोड़कर चला गया. अब इस गांव तक पहुंचने के लिए करोड़ों की सड़क का निर्माण कर दिया गया है लेकिन यहां सड़क पर चलने के लिए कोई व्यक्ति ही नहीं है. ग्रामीण जगमोहन बताते हैं कि उनके क्षेत्र में बहुत से ऐसे गांव हैं जिन्हें सड़कों से जोड़ा तो गया है लेकिन इन सड़कों पर आवाजाही के लिए लोग ही नहीं हैं. उन्होंने कहा अगर यह सुविधाएं 10 साल पहले दे दी जाती तो आज लोग गांव छोड़कर बाहर नहीं जाते.

ABOUT THE AUTHOR

...view details