पौड़ी: उत्तराखंड में गर्मियों की दस्तक के साथ ही पहाड़ों पर इसका असर भी दिखना शुरू हो चुका है. पौड़ी में पानी की किल्लत के चलते अब ग्रामीण प्राकृतिक जल स्रोत को संरक्षित करने में जुट गए हैं. क्योंकि करोड़ों रुपए से संचालित होने वाली पेयजल योजनाओं की सांसें अब फूलने लगी हैं, जिसकी वजह से गांवों में पानी की दिक्कत शुरू हो गई है. ऐसे में प्राकृतिक जलस्रोत स्थानीय लोगों के लिए किसी संजीवनी के कम नहीं होते हैं.
हालांकि ग्रामीणों को भी प्राकृतिक जलस्रोत की याद गर्मियों में ही आती है, जब उन्हें पानी की दिक्कत का सामना करना पड़ता है. ऐसे में पौड़ी के कल्जीखाल ब्लॉक के डांगी गांव के लोगों ने खुद ही सामूहिक प्रयासों से जलस्रोतों की साफ सफाई का जिम्मा उठाया है. डांगी गांव के लोगों ने करीब 100 साल पुराने प्राकृतिक जलस्रोत की साफ-सफाई की. इसके साथ ही पानी के रिसाव को रोकने के लिए चिकनी मिट्टी का लेप लगाकर स्रोत को संरक्षित भी किया.