कोटद्वार: गढ़वाल वन प्रभाग से लगे कॉर्बेट नेशनल पार्क के गांवों में पिछले कई दिनों से बाघों का आतंक बना हुआ है. कार्बेट पार्क से लगे दर्जनों गांवों में पिछले कई दिनों से तीन बाघों का एक झुंड दिखाई दे रहा है. लैंसडाउन विधानसभा क्षेत्र के नैनीडांडा रिखणीखाल धुमाकोट ब्लाॅक में बाघों ने अब तक दो व्यक्तियों को अपना निवाला बना दिया है. क्षेत्र के दर्जनों गांवों में 20 से अधिक मवेशियों पर जानलेवा हमला कर मौत के घाट उतार चुका है.
दिन-दहाड़े बछिया पर बाघ के हमले से सहमे ग्रामीण, सीएम को भेजा ज्ञापन, आदमखोर घोषित करने की मांग - बाघ का आतंक
कॉर्बेट पार्क से सटे पौड़ी जिले के ग्रामीण इलाके में दिन-दहाड़े गाय की बछिया पर हुए हमले के बाद से ग्रामीण डरे हुए हैं. ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन भेजा है. लोगों ने इन बाघों को आदमखोर घोषित करने की मांग की है.
गायों के झुंड पर बाघ ने बोला था हमला: रिखणीखाल तहसील और धुमाकोट तहसील के अन्तर्गत बाघ प्रभावित क्षेत्र में गढ़वाल वन प्रभाग, लैंसडाउन वन प्रभाग और कॉर्बेट नेशनल पार्क की टीम ने डेरा डाला हुआ है. दरअसल बाघ भरी दोपहरी में मवेशियों को निवाला बना रहा है. रिखणीखाल तहसील के पापड़ी गांव में दोपहर के समय घर के पास ही बाघ ने दुधारू पशुओं के झुंड पर हमला बोल दिया. बाघ ने पशुओं के झुंड में गाय की बछिया को अपना निवाला बनाने की पूरी कोशिश की थी. लेकिन तभी गाय ने बाघ पर हमला बोल कर बछिया को बाघ के चंगुल से बचाया.
ये भी पढ़ें: मां के आगे पश्त पड़ा बाघ का हौसला, मौत के पंजे से गाय ने बछड़े को बचाया
बाघों को आदमखोर घोषित करने की मांग: गढ़वाल वन प्रभाग के कॉर्बेट नेशनल पार्क से लगे दर्जनों गांवों में बाघों का आतंक बना हुआ है. बांघों ने अब तक दो व्यक्तियों पर हमला कर निवाला बना दिया है. वहीं जिलाधिकारी पौड़ी आशीष चौहान ने बाघ प्रभावित क्षेत्र के उच्च अधिकारियों के साथ ज़ूम मीटिंग लेकर हालात का जायजा लिया. वन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि बाघों को ट्रेंकुलाइज कर जल्द पिंजरे में कैद कर रेस्क्यू सेंटर भेजा जाये. गढ़वाल वन प्रभाग कॉर्बेट नेशनल पार्क में बाघों के बढ़ते प्रभाव को लेकर धुमाकोट बाजार में स्थानीय लोगों ने प्रदर्शन किया. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन प्रेषित किया कि बाघों को जल्द आदमखोर घोषित किया जाए. वहीं कार्बेट पार्क क्षेत्र के लगे गांवों में मनरेगा योजना के तहत झाड़ी उनमूलन की मांग की है.