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शिक्षिका शीतल रावत के समर्थन में उतरे ग्रामीण, बोले- निलंबन वापस न होने पर स्कूल नहीं भेजेंगे बच्चे - पौड़ी की न्यूज

थलीसैंण ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बग्वाड़ी की प्रभारी प्रधानाध्यापिका शीतल रावत को निलंबित कर दिया गया है. पौड़ी सीईओ के निरीक्षण में शीतल रावत स्कूल से गायब मिली थी. साथ ही एक सहायिका टीचर रखने का भी आरोप है. अब ग्रामीण शीतल रावत की निलंबन वापस लेने की मांग पर अड़ गए हैं.

Sheetal Rawat Suspend
शीतल रावत की निलंबन वापस लेने की मांग

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Published : Sep 22, 2022, 7:28 PM IST

पौड़ीः दूरस्थ विकासखंड थलीसैंण के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बग्वाड़ी के प्रभारी प्रधानाध्यापिका शीतल रावत के बचाव में अभिभावक आगे आ गए हैं. अभिभावकों ने प्रभारी प्रधानाध्यापिका का निलंबन निरस्त करने की मांग उठाई है. इतना ही नहीं उन्होंने निलंबन निरस्त न होने पर अपने नौनिहालों को विद्यालय नहीं भेजने की चेतावनी दी है. जिससे शिक्षा विभाग सकते में आ गया है. ऐसे में आने वाले दिनों में शिक्षा महकमे के अधिकारियों की परेशानियां बढ़ सकती हैं.

गौर हो कि बीते 20 सितंबर को मुख्य शिक्षा अधिकारी आनंद भारद्वाज (Pauri CEO Anand Bhardwaj) ने थलीसैंण ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बग्वाड़ी (Government Primary School Bagwadi) का निरीक्षण किया था. इस दौरान विद्यालय की प्रभारी प्रधानाध्यापिका शीतल रावत (Incharge Headmaster Sheetal Rawat) नदारद पाई गईं. साथ ही ठेके पर एक अन्य सहायिका शिक्षिका रखने का मामला भी सामने आया. जिस पर स्पष्टीकरण भी जारी कर दिया गया.

अभिभावक संघ ने शीतल रावत की निलंबन वापस लेने की मांग की.

वहीं, दूसरे ही दिन प्रभारी जिला शिक्षाधिकारी प्रारंभिक शिक्षा मो. सावेद आलम ने प्रभारी प्रधानाध्यापिका शीतल रावत को निलंबित (Sheetal Rawat Suspend) कर दिया था. इस मामले में अब नया मोड़ आ गया है. अभिभावक अब प्रभारी प्रधानाध्यापिका शीतल रावत के बचाव में उतर आए हैं. अभिभावकों ने बीईओ थलीसैंण को ज्ञापन (Parents Gave Memorandum to BEO Thalisain) देकर धरना दिया. उनका साफ कहना है कि जल्द शिक्षिका का निलंबन निरस्त नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा. साथ ही अभिभावक अपने पाल्यों को स्कूल भी नहीं भेजेंगे.
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विद्यालय अभिभावक संघ के अध्यक्ष भारत सिंह ने बताया कि साल 2019 में विभाग की ओर से इस स्कूल में कार्यरत शिक्षक का स्थानांतरण किए जाने के कारण विद्यालय में एक ही शिक्षक रह गया था. जिसके बाद ग्रामीणों ने दूसरे शिक्षक की मांग की, लेकिन 6 महीने माह बीत जाने के बाद भी विभाग ने शिक्षक नहीं भेजे. जिसके बाद ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से गांव की ही एक युवती को विद्यालय में पठन पाठन की जिम्मेदारी सौंपी. इसी लड़की को प्रॉक्सी टीचर बताकर शीतल रावत का निलंबन किया गया है. ये भी बताया कि शीतल रावत को विभाग की ओर थलीसैंण में आयोजित हो रही खेलकूद प्रतियोगिताओं में व्यवस्था हेतु तैनात किया हुआ था.
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वहीं, अभिभावक संघ के अध्यक्ष भारत सिंह के नेतृत्व में बग्वाड़ी गांव के ग्रामीणों ने उप शिक्षा अधिकारी थलीसैंण से मुलाकात कर शिक्षिका शीतल रावत के निलंबन वापसी की मांग की. उन्होंने कहा कि यदि एक हफ्ते के भीतर निलंबन वापस नहीं होता तो वे अपने बच्चों को स्कूल से हटाने के लिए मजबूर होंगे. मामले में मुख्य शिक्षा अधिकारी आनंद भारद्वाज ने बताया कि प्रॉक्सी टीचर (Pauri Proxy Teacher) रखे जाने पर शीतल रावत के खिलाफ कार्रवाई की गई है. जांच के बाद सभी तथ्यों पर विचार किया जाएगा.
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