कोटद्वार: लैंसडाउन वन प्रभाग के दीवा रेंज में बाघों का आतंक बना हुआ है. इस बार रिखणीखाल प्रखंड के ग्राम जुई पापड़ी क्षेत्र में कई दिनों से बाघ चहलकदमी करते नजर आ रहे हैं. जिसके चलते ग्रामीण दहशत में हैं. ग्रामीणों का कहना है कि पिछले कई दिनों से जुई पापड़ी गांव में दोपहर में पांच बाघों का एक झुंड विचरण कर रहा है. कहा कि बाघों के दहशत से उनका घरों से निकलना मुश्किल हो रहा है.
पौड़ी के रिखणीखाल क्षेत्र में बाघों का आंतक, लोगों का घर से निकलना हुआ मुश्किल - Tiger terror in Rikhanikhal
पौड़ी जिले के रिखणीखाल प्रखंड के जुई पापड़ी क्षेत्र में बाघों का झुंड दिखने से ग्रामीण खौफजदा हैं. ग्रामीण अपने घरों से निकलने से कतरा रहे हैं. ग्रामीणों ने वन विभाग और कॉर्बेट पार्क प्रशासन से बाघों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है.
ग्रामीणों ने दी प्रशासन को सूचना:कॉर्बेट नेशनल पार्क के उप प्रभागीय वनाधिकारी हरीश नेगी ने बताया कि सूचना मिलते ही टीम मौके के लिए रवाना हो गई है. पिछले कई दिनों से दोनों गांवों के आस-पास पांच बाघों ने अपना डेरा जमाया हुआ है. बाघों के आतंक से ग्रामीण घरों में कैद हो गए हैं. गांव में बाघों के विचरण की सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग गढ़वाल डिवीजन और कॉर्बेट नेशनल पार्क प्रशासन को दी. ग्रामीणों का कहना है कि संबंधित विभागों ने अभी तक बाघों से निजात दिलाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है.
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गर्मी बढ़ने की वजह से गांव का रुख कर रहे बाघ: वहीं, वन विभाग के दीवा रेंज वन क्षेत्राधिकारी महेंद्र सिंह रावत ने बताया कि जुई पापड़ी गांव कॉर्बेट नेशनल पार्क से लगा हुआ क्षेत्र है. ऐसे में वन विभाग ने कॉर्बेट नेशनल पार्क प्रशासन को सूचित कर दिया है. कॉर्बेट नेशनल पार्क प्रशासन की टीम की ओर से दोनों गांवों में गश्त की जा रही है. बाघों के पदचिन्ह की जानकारी ली जाएगी, बाघ कहां से रिहायशी इलाकों में आए हैं, इसका पता लगाया जा रहा है. महेंद्र सिंह रावत के मुताबिक, कॉर्बेट नेशनल पार्क में बाघों की संख्या बढ़ने और गर्मी का मौसम आने से पानी और भोजन की तलाश में बाघ ग्रामीण क्षेत्र की ओर रुख कर रहे हैं.