श्रीनगरःबहुचर्चितअंकिता भंडारी हत्याकांड लोगों के जहन में ताजा है. अभी भी हत्याकांड मामले में एसआईटी की जांच चल रही है, लेकिन उत्तराखंड महिला मंच समेत अन्य संगठन जांच से संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं. उनका आरोप है कि अंकिता हत्याकांड की प्रारंभिक जांच में प्रशासनिक लापरवाही की गई है. साथ ही शासन के लोगों की संलिप्तता और आनन-फानन में सबूतों को नष्ट करने का प्रयास किया गया है. लिहाजा, अब उत्तराखंड महिला मंच ने देशभर के जिम्मेदार महिला संगठनों के साथ मिलकर तथ्यान्वेषण यानी फैक्ट फाइंडिंग टीम गठित की है.
बता दें कि 20 सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग टीम पौड़ी, श्रीनगर, ऋषिकेश और देहरादून का दौरा करेगी. 27 अक्टूबर यानी आज एक टीम श्रीनगर के श्रीकोट डोभ स्थित अंकिता के घर जाएगी और उनके माता-पिता से मिलेगी. साथ ही श्रीनगर में जनसंपर्क करेगी. जबकि, दूसरी टीम ऋषिकेश में वनंत्रा रिजॉर्ट व चीला बैराज के आस-पास की जगहों का दौरा करेगी और लोगों से पूछताछ करेगी. इसके अलावा टीम होटल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों से भी मिलेगी.
अंकिता भंडारी के लिए हरिद्वार में दीप दान. वहीं, एक टीम 28 अक्टूबर को राज्य महिला आयोग, डीजीपी उत्तराखंड, एसआईटी प्रमुख, पर्यटन सचिव, मुख्य सचिव आदि से मिलेगी. साथ ही एक प्रेस वार्ता को संबोधित करेंगे. देहरादून, ऋषिकेश और श्रीनगर में विभिन्न नागरिकों, जनसंगठनों व आंदोलनकारियों से भी बात की जाएगी. जांच के आधार पर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी.
इस तथ्यान्वेषण दल (फैक्ट फाइंडिंग टीम) में उत्तराखंड महिला मंच, सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न राज्यों के हाईकोर्ट के वकील, रिटायर प्रोफेसर, पीयूसीएल, जनवादी महिला समिति, जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय, सोलिडेरिटी फाउंडेशन, कर्नाटक विथ बिलकिस, महिला किसान अधिकार मंच, ऐपवा के सदस्य व पर्यटन विशेषज्ञ, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न छात्र संगठन शामिल हैं.
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आप ने अंकिता के नाम पर किया दीपदान: भैया दूज के अवसर पर आम आदमी के पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हरिद्वार में प्रेम नगर घाट पर उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी को दीप दान कर श्रद्धांजलि अर्पित की. अंकिता भंडारी को न्याय न मिलने पर राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की. इस अवसर पर पार्टी की प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष महिला मोर्चा हेमा भंडारी ने कहा कि अंकिता भंडारी की हत्या को दो माह से भी अधिक का समय बीत चुका है, परंतु अभी तक जांच सही दिशा में नहीं हुई है. जांच में जिस प्रमुख वीवीआइपी का नाम बार-बार आ रहा है, आखिर धामी सरकार और एसटीएफ उसका नाम सार्वजनिक क्यों नहीं कर रही हैं. यदि धामी इतने ही निष्पक्ष हैं तो विपक्ष और जनता की आवाज सुनते हुए उन्हें सीबीआई जांच करवानी चाहिए.
आप के विधानसभा सीट अध्यक्ष अनिल सती ने कहा कि अंकिता भंडारी पूरे उत्तराखंड की बेटी थी. आज भैया दूज के अवसर पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता उन्हें दीपदान कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग करती है. अब तक हुई जांच से स्पष्ट है कि सरकार के दबाव में जांच हो रही है. देश के यशस्वी प्रधानमंत्री केदारनाथ धाम में दो दिवस की यात्रा पर आते हैं, परंतु उत्तराखंड की बेटी पर एक शब्द नहीं बोलते, इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा.
क्या था अंकिता भंडारी मर्डर केस: गौर हो कि पौड़ी जिले के नांदलस्यू पट्टी के श्रीकोट की रहने वाली अंकिता भंडारी (19) ऋषिकेश के बैराज चीला मार्ग पर गंगा भोगपुर में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी करती थी. अंकिता इस रिजॉर्ट में 28 अगस्त से नौकरी कर रही थी. वो बीती 18 सितंबर को रहस्यमय तरीके से लापता हो गई थी. जिसके बाद रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने राजस्व पुलिस चौकी में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई. 22 सितंबर तक अंकिता का कुछ पता नहीं चला. इसके बाद मामला लक्ष्मणझूला थाना पुलिस को ट्रांसफर कर दिया गया.
वहीं, जब पुलिस ने जांच की तो वनंत्रा रिजॉर्ट (Vanantra Resort Rishikesh) के संचालक और उसके मैनेजरों की भूमिका सामने आई. रिजॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ में पता चला कि 18 सितंबर को शाम करीब आठ बजे अंकिता रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित और भास्कर के साथ रिजॉर्ट से निकली थी, लेकिन जब वो वापस लौटे तो उनके साथ अंकिता (Receptionist Ankita Bhandari) नहीं थी. इस आधार पर पुलिस ने तीनों को हिरासत लिया और पूछताछ की.
आरोपियों ने पुलिस के सामने सारा सच उगल दिया. आरोपियों ने अंकिता भंडारी को नहर में धकेल (Ankita Bhandari Murder Case) दिया था. जिससे उसकी मौत हो गई. मामले में पुलिस ने पूर्व राज्यमंत्री विनोद आर्य (Pulkit Arya father Vinod Arya) के बेटे रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य और उसके दो मैनेजरों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया. इसके बाद कोर्ट ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. वहीं, बीती 24 सितंबर को अंकिता का शव चीला बैराज से बरामद हुआ. जिसके बाद शव को एम्स ऋषिकेश ले जाया गया. जहां उसका पोस्टमार्टम किया गया.
वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग को लेकर मोर्चरी के बाहर कांग्रेसियों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर जमकर हंगामा भी किया, लेकिन स्थिति की नजाकत को देखते हुए डॉक्टरों के पैनल ने हाथों-हाथ रिपोर्ट की जानकारी नहीं दी. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में उसके शरीर पर चोट के निशान मिले. जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि 28 अगस्त से रिजॉर्ट में ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद से ही मालिक और उसके सहयोगी उसे प्रताड़ित कर रहे थे. वहीं, श्रीनगर में अंकिता का अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान काफी बवाल भी हुआ था.
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