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NIT शिलान्यास: MHRD मंत्री निशंक बोले- 'मि सुमाड़ी गौं का लोगों कु धन्यवाद करदू, जौं अपणी भूमि दान दे'

डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की जिम्मेदारी मिलने के बाद पहली बार NIT शिलान्यास करने पौड़ी पहुंचे. सुमाड़ी में बनने वाले एनआईटी के भूमि पूजन के बाद निशंक ने कार्यक्रम का संबोधन गढ़वाली बोली में किया.

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Published : Oct 19, 2019, 2:16 PM IST

Updated : Oct 19, 2019, 3:37 PM IST

एनआईटी का MHRD मंत्री निशंक ने किया शिलान्यास.

पौड़ी:मोदी 2 सरकार में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की जिम्मेदारी मिलने के बाद पहली बार डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक NIT शिलान्यास करने पौड़ी पहुंचे. इस मौके पर सुमाड़ी में बनने वाले एनआईटी के भूमि पूजन के बाद निशंक ने कार्यक्रम का संबोधन गढ़वाली बोली में किया.

NIT के भूमि पूजन कार्यक्रम में अपने संबोधन में MHRD मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि गढ़वाली में अपने संबोधन में कहा कि- मि राज्य की प्रथम महिला कु सुमाड़ी गौं मा स्वागत करदू, वैकि बाद सुमाड़ी गौं का लोगों कु भी आभारी छौं जौं अपणी भूमि दान ये परिसर कु निर्माण खुण दान दे'.

केंद्रीय मंत्री निशंक ने गढ़वाली बोली में किया राज्यपाल का अभिनंदन.

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उन्होंने कहा कि वो राज्यपाल पहली बार सुमाड़ी पहुंचने पर आभार व्यक्त करते हैं साथ ही क्षेत्रवासियों का धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने इस संस्थान के निर्माण के लिए भूमि दान दी है. निशंक ने कहा कि लंबे समय से एनआईटी को शिफ्ट किये जाने की बात की जा रही थी लेकिन आज इस संस्थान के लिये भूमि पूजन किया गया है और दो साल के अंदर एक हजार करोड़ की लागत से यह पूरा बनकर तैयार हो जाएगा. यहां केंद्रीय विद्यालय का निर्माण भी जल्द किया जाएगा ताकि, पूरे क्षेत्र में शिक्षा का विकास किया जा सके.

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क्या है पूरा मामला?

गौर हो कि एनआईटी उत्तराखंड के स्थायी परिसर का आज दूसरी बार शिलान्यास किया गया है. पहली बार साल 2014 में कांग्रेस शासनकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किया था. अब भाजपा शासनकाल में दोबारा शिलान्यास किया गया है. कई सालों से स्थायी परिसर की मांग को लेकर छात्र आंदोलनरत रहे हैं. मगर राज्य सरकारों की ओर से इस मांग को गंभीरता से नहीं लिया गया था. इतना हुआ कि श्रीनगर गढ़वाल के एक सरकारी पॉलीटेक्निक में अस्थायी कैंपस की व्यवस्था कर दी गई.

वहीं, छात्रों की ओर से स्थायी कैंपस की मांग के विरोध के चलते कैंपस को जयपुर शिफ्ट किया गया. अब काफी जद्दोजहद के बाद आखिरकार सुमाड़ी में शिलान्यास किया गया है. पहले चरण में इसके लिए 700 करोड़ की लागत से 300 एकड़ भूमि पर 1260 छात्रों के लिए व्यवस्था का लक्ष्य रखा गया है.

Last Updated : Oct 19, 2019, 3:37 PM IST

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