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लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर फिर बढ़ सकती है वन मंत्री हरक सिंह की मुश्किलें

लालढांग-चिल्लर खाल वन मोटर मार्ग के मामले में सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी की टीम ने निरीक्षण किया. वहीं निरीक्षण की रिपोर्ट आने के बाद कैबिनेट के वन मंत्री हरक सिंह रावत और वन विभाग की मुसीबतें बढ़ सकती हैं.

कोटद्वार में टीम ने किया निरीक्षण

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Published : Jul 24, 2019, 1:03 AM IST

कोटद्वार: लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग के मामले में सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी की टीम ने मार्ग का निरीक्षण किया, दो सदस्यीय टीम में CEC के मेंबर सेक्रेट्री अमरनाथ शेट्टी और मेंबर CEC के एम के मुत्थु ने लालढांग से लेकर चिल्लरखाल बैरियर तक वन मार्ग पर रोड निर्माण कार्य का निरीक्षण किया, साथ ही पुलों का भी निरीक्षण किया, निरीक्षण के बाद टीम इसकी रिपोर्ट तैयार करके सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेगी, उसके बाद ही कुछ निर्णय निकल सकेगा.

कोटद्वार में टीम ने किया निरीक्षण
स्थानीय निवासी एलडी जोशी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट से एक टीम लालढांग-चिल्लर खाल मोटर मार्ग का निरीक्षण करने के लिए भेजी गई है. यह मामला पहले एनजीटी में भी दायर किया गया था उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में भी एक रिट दाखिल की गई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मार्ग की निरीक्षण करने के लिए टीम भेजी गई है. अब देखना ये है कि ये टीम अपनी रिपोर्ट कब और किस प्रकार सुप्रीम कोर्ट में पेश करती है? सड़क का भविष्य क्या होगा ये देखने वाली बात होगी.इस पूरे मामले पर भूमि हस्तांतरण अपर प्रमुख सचिव डीजे के शर्मा का कहना है, कि लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर फारेस्ट कंजर्वेशन अधिनियम के तहत जो निर्माण कार्य किया जा रहा था, उस कार्य में कुछ शिकायतें मिली थीं. ये प्रकरण सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है. सर्वोच्च न्यायालय में सरकार ने अपना पक्ष रखा है. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों पर सीईसी की दो सदस्यीय टीम लालढांग पहुंचकर 11 किलोमीटर लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग का निरीक्षण कर चुकी है. ये टीम न्यायालय में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी, उसके बाद आगे का निर्णय न्यायालय जारी करेगा.

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