श्रीनगर: गर्मियां शुरू होते ही पानी का संकट गहराने लगा है. गांव, नगर, सभी जगहों पर पेयजल संकट गहराता जा रहा है. जंगलों में लगी आग और सूखते जल स्त्रोतों के कारण ये समस्या और भी भयावह होती जा रही है. पेयजल की समस्या से दूरस्थ इलाके तो छोड़िए खुद मंत्रियों और मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का गृह क्षेत्र भी अछूता नहीं है. इनके क्षेत्र के लोगों को भी प्यास बुझाने के लिए कई किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा है.
गर्मी में गहराया पेयजल संकट पौड़ी सूबे के सबसे चर्चित जनपदों में से एक है. इस जनपद ने प्रदेश को मुख्यमंत्रियों से लेकर मंत्रियों की लंबी फौज दी है. वर्तमान सरकार में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, वन मंत्री हरक सिंह रावत, पर्यटक मंत्री सतपाल महाराज, उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत इसी जनपद से आते हैं, बावजूद इसके जनपद में के दूर-दराज के गांवों में आज भी पानी का संकट है. यहां लोग पीने के पानी के लिए मीलों का सफर करते हैं.
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हाल में सीएम त्रिवेंद्र के कारण चर्चाओं में आई नयार घाटी के तट पर बसे गांव उलखेत में भी ग्रामीण पानी के संकट से जूझ रहे हैं. यहां के गांवों के लोगों को कई किलोमीटर दूर से पानी लेकर आना पड़ता है. इन गांवों के लोग नलों में पानी कम आने के बाद पुराने जल स्रोतों से पानी का हल ढूंढ कर कमी को पूरा कर लेते थे, लेकिन इस बार उनमें भी पानी सूखने लगा है. ऐसे में आने वाले समय में लोगों को पानी का संकट गहरा सकता है, लेकिन लोगों को पानी पर्याप्त मात्रा में न मिलने के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है.कई बार ग्रामीण पानी के संकट की समस्या सम्बधित विभाग तक पहुंचा चुके हैं, मगर आज तक समस्या जस की तस बनी हुई है.
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वहीं, जब इस बारे में प्रदेश के पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में लोगों को पानी की किल्लत नहीं होने दी जाएगी. टैंकर, हैंडपंप के जरिये सभी तक पानी पहुंचाया जाएगा.