उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

इस विद्यालय के शिक्षकों ने पेश की नजीर, खुद से संसाधनों से स्कूल को बनाया 'स्मार्ट' - School Smart and Hitech

द्वारीखाल ब्लॉक का कोटलमंडा प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक अपने काम को सिर्फ खानापूर्ति नहीं बल्कि जिम्मेदारियों के साथ निभा रहे हैं. शिक्षक बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने बनाने के लिए स्कूल को स्मार्ट और हाईटेक कर रहे हैं.

kotdwar
शिक्षकों ने प्राथमिक विद्यालय को बनाया स्मार्ट और हाईटेक

By

Published : Feb 28, 2020, 12:05 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 12:15 PM IST

कोटद्वार:तहसील से 50 किलोमीटर दूर द्वारीखाल ब्लॉक का कोटलमंडा प्राथमिक विद्यालय किसी प्राइवेट स्कूल से कम नहीं है. सरकार की तरफ से इस स्कूल में फर्नीचर बिल्डिंग तो मुहैया करा दिया गया, लेकिन असल में इस स्कूल को स्मार्ट बनाया यहां के टीचरों ने, स्कूल की प्रिंसिपल और टीचरों ने खुद के वेतन से स्कूल को 'स्मार्ट स्कूल' में तब्दील कर दिया है. स्कूल की क्लास में बच्चों का आसान और बेहतर तरीके से पढ़ाने के लिए चार्ट, पोस्टर, वॉल पेंटिंग बनाई गई है. साथ ही स्कूल में अलग से लाइब्रेरी और कंप्यूटर लैब की व्यवस्था भी की गई है. वहीं, प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर बच्चों की यूनिफॉर्म भी तय की गई है.

शिक्षकों ने प्राथमिक विद्यालय को बनाया हाईटेक.

प्रभारी प्रधानाचार्य संजय ढौंडियाल ने बताया कि विगत तीन-चार सालों से यह विद्यालय राजकीय आदर्श उच्च प्राथमिक विद्यालय के नाम से स्थापित है. लगभग इसमें 45 छात्र-छात्राएं मौजूद है, हर विषय के अलग-अलग यहां पर स्टाफ है. इंग्लिश मीडियम के तर्ज पर यहां पर पढ़ाई की व्यवस्था की जाती है. बच्चे पढ़ रहे हैं बच्चों के अंदर कॉन्फिडेंस भी बढ़ा है. सरकार के द्वारा भी हमें कुछ मदद दी गई अधिकांश बच्चों के लिए वॉल पेंटिंग, पोस्टर, बुक बैंक कम्प्यूटर की सुविधा हमने अपने प्रयासों से उपलब्ध करायी है.

ये भी पढ़ें:गढ़वाल विवि के डॉ. आलोक सागर गौतम को मिला पर्यावरण विशेषज्ञ पुरस्कार

स्कूल की शिक्षिका ने बताया कि हमारी कोशिश है कि हम प्राइवेट स्कूल से जितना भी कंपेरिजन कर रहे हैं उससे अधिक यहां पर अच्छी-अच्छी चीजें लाते हैं जो आइडिया हमें वहां पर मिलते हैं तो हम अपने स्कूल में भी लाते, अभी जैसे हमारी एक मैडम ट्रेनिंग में गई थी तो हमने वहां पर बुक बैंक आइडिया लाए हैं, स्कूल में भी एक बुक बैंक डेवलप किया गया है, जिसमें पैन, पेंसिल, कटर, रबड़ रखी है, इसे बैंक की तरह चला जायेगा, इसमें मैनेजर भी रहेंगे और कर्मचारी भी मौजूद रहेंगे, हमारी पूरी कोशिश है कि बच्चों को खेल-खेल में पढ़ा जाय.

ये भी पढ़ें:श्रीनगर में सरस मेले की धूम, कुटीर उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा

स्थानीय निवासी मुजीब नैथानी का कहना है कि इस निराशाजनक वातावरण में यह बहुत अच्छी बात है कि शिक्षकों के वेतन के पैसे खट्टा का सरकारी स्कूल का इंग्लिश मीडियम स्कूल की तरफ चला रहे हैं. बच्चों को वह चीज अपने खर्चे में उपलब्ध करा रहे जो कि आज के समय में प्राइवेट स्कूलों में मिलती है या बहुत बड़ी उपलब्धि है. वहां पर सारी इंग्लिश मीडियम स्कूल की तरह टीचर बच्चों से बात करते हैं. ऐसे में सरकार को ऐसी स्कूल की ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है और जो भूस्खलन से इस स्कूल की जमीन धंस रही है. उसे सरकार को अभी से रोकने की कोशिश करनी चाहिए ताकि पहाड़ों में पलायन रुक सके.

Last Updated : Feb 28, 2020, 12:15 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details