छात्रों ने गढ़वाल विवि में की तालाबंदी श्रीनगर: हेमवती नंदन गढ़वाल केंद्रीय विवि में छात्रों का आंदोलन उग्र रूप लेने लगा है. आज 8 सितंबर को छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों ने प्रशासनिक भवन के मुख्य गेट पर ताले जड़ दिए. इस दौरान कर्मचारी अपने कार्यकाल नहीं जा सके, वहीं छात्रों ने कुलसचिव को भी अपना कार्यालय नहीं जाने दिया.
छात्रों ने गढ़वाल विवि में की तालाबंदी छात्रों को गुस्सा यहीं नहीं रुका उन्होंने बिरला परिसर में मुख्य गेट को भी बंद कर दिया था. जिससे विवि में कार्यालय संबंधित सारे काम ठप हो गए थे. वहीं प्रदर्शनकारी छात्रों ने अन्य छात्रों को भी बिड़ला परिसर में अध्ययन नहीं करने दिया. इस दौरान प्रदर्शनकारी छात्रों ने विवि के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
पढ़ें-हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाफल सुधार परीक्षा का परिणाम घोषित, 10वीं में 76.23% और 12वीं में 76.95% छात्र पास हुए
विवाद बढ़ने पर विवि प्रशासन को पुलिस को बुलाना पड़ा. पुलिस के आने से प्रदर्शन कर रहे छात्र और उग्र हो गए. पुलिस ने छात्रों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन छात्रों ने उनकी एक नहीं सुना. इस दौरान छात्रों और पुलिस के बीच तनातनी देखने को मिली. अभाविप के जिला संयोजक अमन पंत ने कहा कि आज विवि के बिड़ला परिसर में ताला बंदी की गई है, इसके बाद भी अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो छात्र विवि के तीनों परिसरों टिहरी और पौड़ी में भी तालाबंदी करेंगे. विवि संगठन के इकाई मंत्री आयुष कंडारी ने कहा कि जब तक छात्रों की मांगें नहीं मानी जाती छात्रों का आंदोलन जारी रहेगा.
पढ़ें-दिल्ली बंद के बाद लोग कर रहे उत्तराखंड की हसीन वादियों का रुख, रामनगर के होटल और रिसार्ट पैक
वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के केंद्रीय कार्य समिति सदस्य संदीप राणा ने कहा कि पिछले 19 दिनों से छात्र आंदोलन कर रहे हैं. पहाड़ के छात्रों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की मांग एक दम जायज है. उत्तराखड़ के लोगों के आंदोलन के बाद विवि का निर्माण हुआ, लेकिन आज प्रदेश के ही छात्रों को विवि में एडमिशन नहीं मिल रहा है. यही हालत पीजी में भी है. कैंपस से पढ़े हुए छात्रों को ही पीजी में एडमिशन नहीं मिल रहा है. इसके लिए छात्र पीजी में पांच प्रतिशत वेटेज की मांग कर रहे हैं.
वहीं, विवि के कुलसचिव धीरज शर्मा ने कहा कि जो सीट खाली हैं, उन सीटों पर मेरिट के आधार पर एडमिशन दिए जाने के प्रस्ताव पर यूजीसी ने हामी भर दी है. अभी जी 20 की बैठक के कारण लिखित आदेश नहीं मिले हैं. जैसे ही लिखित आदेश मिलेंगे, सभी सीटों को भर दिया जाएगा. विवि में किसी भी सीट को खाली नहीं रहने दिया जाएगा.