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'उत्तराखंड में तेजी से बदल रहा पर्यावरण चिंता का विषय', वैज्ञानिक कर रहे मंथन - information about space science

श्रीनगर के हेमवंती नन्दन गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में यूसेक द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस कार्यशाला में छात्रों को स्पेस साइंस की जानकारी दी गई. कार्यशाला का उद्देश्य उतराखंड में प्राकृतिक आपदाओं के समय स्पेस साइंस की मदद से डिजास्टर मैनेजमेंट की तकनीकी जानकारी देना था.

shrinagar
कार्यशाला का आयोजन

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Published : Feb 26, 2020, 4:48 PM IST

Updated : Feb 26, 2020, 6:12 PM IST

श्रीनगर:हेमवंती नन्दन गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में डिपार्टमेंट ऑफ इन्फॉर्मेशन साइंस टेक्नोलॉजी यूसेक की तरफ से विज्ञान के छात्रों के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में छात्रों को स्पेस साइंस के महत्व को बताया गया. इस कार्यशाला का उद्देश्य उतराखंड में प्राकृतिक आपदाओं के समय स्पेस साइंस की मदद से डिजास्टर मैनेजमेंट की तकनीकी जानकारी देना था. इस दौरान यूसेक के निदेशक एन पीएस बिष्ट सहित यूसेक के वैज्ञानिकों ने छात्रों को विभिन्न जानकारियां दी.

उत्तराखंड का अंतरिक्ष विज्ञान केंद्र सेटेलाइट की मदद से 0.5 तक कि तस्वीरें अंतरिक्ष से पाने में सफल हो रहा है, जिसकी मदद से आने वाली आपदा पर सरकार नजर रख पाएगी. साथ ही आपदा से निपटने में ये तस्वीरें उपयोगी साबित होंगी.

3 दिवसीय कार्यशाला

यूसेक के निदेशक एमपीएस बिष्ट ने बताया कि उतराखंड अंतरिक्ष विज्ञान केंद्र केदारनाथ में हो रहे निर्माण कार्य पर भी नज़र रख रहा है. साथ ही एवलांच के आने डाटा का भी जुटाया जा रहा है. जिससे कि इनके कारणों का पता चल सके और भविष्य में आने वाली आपदाओं पर नजर रखी जा सके. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उच्च शिक्षा का केंद्र है यहां अंतरिक्ष विज्ञान की असीमित संभावनाएं हैं. छात्रों को इस ओर बढ़ना चाहिए

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वहीं गढ़वाल विवि के भुगर्भ विज्ञान के वरिष्ठ वैज्ञानिक पी एस सुन्द्रियाल ने बताया कि उतराखंड में पर्यावरण बदल रहा है. गर्मी के दिनों में पर्वतीय क्षेत्र का तापमान बढ़ रहा है. जिसको जानने के लिए स्पेस साइंस की मदद ली जा रही है. छात्रों को स्पेस साइंस की एजुकेशन की तरफ बढ़ना होगा जिससे उतराखंड की मदद की जा सके.

Last Updated : Feb 26, 2020, 6:12 PM IST

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