कोटद्वारःपौड़ी जिले के कोटद्वार में बलभद्र सिंह नेगी एजुकेशन सोसायटी आईएचएमएस संस्थान द्वारा गढ़वाल राइफल के सूत्रधार सूबेदार मेजर बलभद्र सिंह नेगी की मूर्ति का भव्य अनावरण हुआ. सूबेदार मेजर बलभद्र सिंह नेगी को गढ़वाल राइफल रेजीमेंट के जन्म का श्रेय दिया जाता है. सूबेदार मेजर बलभद्र सिंह नेगी की स्मृति में उनकी तीसरी पीढ़ी ने बलभद्र सिंह नेगी एजुकेशन सोसाइटी का गठन किया.
मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर राजेंद्र सिंह रावत ने सूबेदार मेजर बलभद्र सिंह नेगी की शौर्य गाथा के बारे में बताया कि वो गढ़वाल की शान हैं. गढ़वाल क्षेत्र की तीलू रौतेली जैसे वीरांगनाओं से उनकी तुलना होती है. इनको तो बहुत पहले ही सम्मान देना चाहिए था. यही एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने गढ़वालियों का नाम स्वर्ण अंक्षरों में अंकित कराया. उन्होंने गोरखा बटालियन में दिखाया कि गढ़वाली सिपाही गोरखा से बहुत अच्छा कार्य कर सकते हैं. कम संख्या में होते हुए भी गोरखा रेजीमेंट में गढ़वाली सिपाहियों ने बहुत बढ़िया काम किया. वह ऐसे व्यक्ति थे जो कि कमांडर इन चीफ रॉबर्ट्स और तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड डफरिन के करीब थे और उनसे अपनी बात कह सकते थे.
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सूबेदार मेजर बलभद्र सिंह नेगी के बारे में जानिए
सूबेदार मेजर बलभद्र सिंह का जन्म और 1829 में गलकोट अस्वालस्यूं, पौड़ी गढ़वाल में हुआ था. उनके पिता धन सिंह नेगी अस्वालस्यूं पट्टी के आजीवन पटवारी रहे. गढ़वाल राइफल के जन्मदाता पहाड़ी जेम्स बॉन्ड, आंग्ल अफगान युद्ध के नायक सूबेदार बलभद्र सिंह नेगी जिन्होंने सन 1879 में कंधार के युद्ध में अफगानों के विरुद्ध अपनी अद्भुत हिम्मत, वीरता और लड़ाकू क्षमता को दिखाया था. इस वजह से उन्हें ऑर्डर ऑफ मेरिट, ऑर्डर ऑफ ब्रिटिश इंडिया, सरदार बहादुर जैसे कई सम्मान दिए गए थे.