पौड़ीः उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में राज्य आंदोलनकारियों ने जमकर हंगामा किया. आंदोलनकारियों ने प्रदेश सरकार पर उनकी अनदेखी करने का आरोप लगाया. इस मौके पर आंदोलनकारियों ने जिले के प्रभारी मंत्री के हाथों से सम्मान लेने से भी इनकार कर दिया.
दरअसल, पौड़ी जिला मुख्यालय में राज्य स्थापना की 22वीं वर्षगांठ को धूमधाम से मनाए जाने को लेकर जिला प्रशासन ने सभी तैयारियां की थी. इस मौके पर परिवहन, समाज कल्याण और जिले के प्रभारी मंत्री चंदन राम दास (Cabinet Minister Chandan Ram Das) ने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. मंत्री रामदास ने कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूहों समेत सभी संगठनों को सम्मानित किया, लेकिन जब पौड़ी के आंदोलनकारियों को सम्मानित करने का समय आया तो उन्होंने सम्मान लेने से इनकार कर दिया.
पौड़ी की उपेक्षा पर भड़के आंदोलनकारी. ये भी पढ़ेंः उत्तरकाशी में जांच टीम और शिकायतकर्ता के बीच जमकर हाथापाई, वीडियो हो रहा वायरल राज्य आंदोलनकारियों का कहना था कि राज्य बनने के बाद पौड़ी की सबसे ज्यादा उपेक्षा हुई है. इतना ही नहीं आंदोलनकारियों ने पौड़ी की बेटी अंकिता भंडारी हत्याकांड और बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट की ओर से पौड़ी की एक और बेटी अनामिका (बदला हुआ नाम) को इंसाफ नहीं मिलने पर दुख जताया. वहीं, नाराज आंदोलनकारियों को खुद डीएम आशीष चौहान (Pauri DM Ashish Chauhan) ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने. राज्य आंदोलनकारियों ने उचित सम्मान नहीं मिलने पर कैबिनेट मंत्री चंदन रामदास के सामने कड़ी नाराजगी जताते हुए सम्मान लेने से मना कर दिया.
इस दौरान राज्य आंदोलनकारी सुरेंद्र नौटियाल, लीला ढौंडियाल, हरीश बड़थ्वाल, मुकेश चमोली, ध्रुव बंगवाल आदि का कहना था कि जिला प्रशासन की ओर से उन्हें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बुलाया गया, लेकिन कार्यक्रम में उनको उचित सम्मान नहीं दिया गया. उनका कहना है कि कार्यक्रम के अंत में उनको सामूहिक रूप से बुलाकर केवल फोटो खिंचवाई गई. जिस पर राज्य आंदोलनकारियों के सम्मान को ठेस पहुंची है. ऐसे में उन्होंने उचित सम्मान नहीं मिलने पर सम्मान लेने से इनकार कर दिया.