श्रीनगरःउत्तराखंड में महिलाओं के लापता होने के आंकड़े तेजी से बढ़ रहे हैं. जो काफी चिंताजनक हैं. ऐसा ही एक मामला कीर्तिनगर से सामने आया है. यहां जोशी परिवार पौने तीन साल से अपनी विवाहिता बेटी ममता जोशी बहुगुणा (Mamta Joshi Missing) की राह ताक रहा है. परिजनों ने नवंबर 2019 में श्रीनगर कोतवाली में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी, लेकिन अभी तक ममता का कोई सुराग नहीं मिल पाया है. पुलिस भी एक साल पहले फाइनल रिपोर्ट लगाकर घटना से जुड़ी फाइल कोर्ट भेज चुकी है. जिस पर परिजनों ने आपत्ति भी जताई है.
जानकारी के मुताबिक, 25 नवंबर 2019 को कीर्तिनगर के चौरास निवासी राजाराम जोशी की विवाहिता बेटी ममता श्रीनगर के नर्सरी रोड मोहल्ला स्थित अपने घर से अचानक लापता हो गई थी. अगले दिन उसके बड़े भाई दीपक जोशी ने ममता की गुमशुदगी श्रीनगर कोतवाली में दर्ज कराई. ममता का फोन घर पर ही था, जबकि उसका चप्पल नैथाणा झूला पुल से बरामद हुआ था. उसके नदी में छलांग मारने की आशंका को देखते हुए पुलिस, एसडीआरएफ और जल पुलिस ने अलकनंदा नदी में सर्च अभियान चलाया, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला.
ये भी पढ़ेंःटिहरी में 5 अगस्त से लापता विवाहिता का कंकाल जंगल में मिला, परिजनों ने हत्या की जताई आशंका
ममता के छोटे भाई प्रदीप जोशी का कहना है कि उनका परिवार ढाई साल से ममता की तलाश (Srinagar married woman missing) में भटक रहा है. वो मंत्रियों से लेकर अधिकारियों तक से गुहार लगा चुके हैं. उनका आरोप है कि पुलिस ने इस प्रकरण में सही ढंग से विवेचना नहीं की. कुछ रसूखदारों के इशारे पर केस को हल्का किया गया. मामले की तह तक पहुंचे बिना केस को बंद कर दिया गया. इसलिए कोर्ट में पुलिस की रिपोर्ट के खिलाफ अपील की गई है. उनका आरोप है कि ममता के लापता होने के पीछे ससुराल पक्ष का हाथ है.