श्रीनगर:राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर से एमबीबीएस करने वाले एक डॉक्टर के फिंगरप्रिंट की फॉरेंसिक जांच के लिए कॉलेज प्रशासन ने कोतवाली श्रीनगर को पत्र भेजा है. डॉक्टर वर्तमान में पिथौरागढ़ जिले के एक अस्पताल में सेवारत है. उन्होंने साल 2010 में मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में एमबीबीएस में प्रवेश लिया था. कोतवाल श्रीनगर का कहना है कि मामले में मेडिकल कॉलेज श्रीनगर प्रशासन से तहरीर मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
कॉलेज प्रशासन ने पूर्व मेडिकल छात्र के फिंगरप्रिंट जांच के लिए पुलिस को लिखा पत्र, पुलिस ने कही ये बात - फिंगरप्रिंट
Srinagar Medical College राज्य सूचना आयोग सहित स्वास्थ्य महानिदेशक को शिकायत मिलने के बाद श्रीनगर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने एक एमबीबीएस डॉक्टर के फिंगरप्रिंट की फॉरेंसिक जांच के लिए पुलिस को पत्र लिखा है. पुलिस का कहना है कि कॉलेज प्रशासन द्वारा तहरीर मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Aug 23, 2023, 7:41 AM IST
विदित हो कि उक्त डॉक्टर के खिलाफ राज्य सूचना आयोग सहित स्वास्थ्य महानिदेशक को शिकायत प्राप्त हुई थी. राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में एमबीबीएस में साल 2010 में प्रवेश लेने और 2017 में इंटर्नशिप के बाद सरकारी सेवा में सेवारत एक डॉक्टर के फिंगरप्रिंट की फॉरेंसिक जांच के लिए कोतवाली श्रीनगर पुलिस को एक प्रार्थना पत्र मिला है. मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने पुलिस को यह प्रार्थना पत्र दिया है. कॉलेज के प्राचार्य प्रो. सीएमएस रावत ने बताया कि साल 2010 में एक छात्र ने एमबीबीएस में प्रवेश लिया था. जिसने साल 2014 में एमबीबीएस किया और साल 2017 में उसकी इंटर्नशिप पूरी हुई थी. जिसके बाद से वह सरकारी सेवा में डॉक्टर के रूप में सेवारत है.
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उन्होंने बताया कि उक्त डॉक्टर के एमबीबीएस छात्र रहते हुए बायोमेट्रिक उपस्थिति और परीक्षा के दौरान फिंगरप्रिंट की फॉरेंसिक जांच को लेकर चिकित्सा शिक्षा निदेशालय से जांच के लिए पत्र मिला था. निदेशालय के आदेशानुसार कोतवाली श्रीनगर को प्रार्थना पत्र भेजा गया है. प्रो. रावत ने बताया कि कॉलेज की विभागीय जांच में उक्त डॉक्टर के दस्तावेज सही पाए गए हैं.कोतवाल श्रीनगर रवि सैनी ने बताया कि मेडिकल कॉलेज श्रीनगर प्रशासन से एक पूर्व एमबीबीएस छात्र के फिंगरप्रिंट की फॉरेंसिक जांच को लेकर प्रार्थना पत्र प्राप्त हुआ है. कॉलेज प्रशासन को अवगत कराया गया है कि मामले में बिना तहरीर के फॉरेंसिक जांच संभव नहीं है. उन्होंने बताया कि कॉलेज प्रशासन द्वारा तहरीर मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.