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मानसिक रोगियों को घर पहुंचाने के लिए समाजसेवी ने शुरू की ये मुहिम, खुद के हालात से मिली प्रेरणा

पौड़ी के समाजसेवी राजेश सिंह राजा ने मानसिक रोगियों को उनके परिजनों से मिलाने की मुहिम शुरू की है. इस मुहिम के चलते समाजसेवी 10 व्यक्तियों को उनके परिजनों से मिलवा चुके हैं.

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Published : Oct 23, 2019, 1:18 PM IST

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पौड़ी: समाज में आए दिन अलग-अलग प्रकार के मानसिक रोगी घूमते हुए दिखाई देते हैं. इन मानसिक रोगियों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए पौड़ी के एक समाजसेवी ने जिम्मेदारी उठाई है. पौड़ी के अगरोडा के रहने वाले राजेश सिंह राजा लंबे समय से समाज सेवा के कार्य कर रहे हैं. इसके साथ ही अब उन्होंने समाज में बेसुध होकर घूम रहे मानसिक रोगियों को उनके घर वालों से मिलवाने की कवायद शुरु कर दी है. वहीं, उन्होंने अभी तक 10 ऐसे व्यक्तियों को उनके परिवारजनों से मिला दिया है जो मानसिक रूप से बीमार थे.

समाजसेवी ने शुरू की ये मुहिम.

अगरोडा निवासी राजेश सिंह राजा लंबे समय से समाज सेवा का काम करते हैं. साथ ही जरूरतमंद लोगों की हर क्षेत्र में मदद करते हैं. उन्होंने देखा कि पौड़ी और आसपास के क्षेत्रों में मानसिक रोगी घूम रहे हैं जो अपने घर से बहुत दूर पहुंच चुके हैं और उन्हें घर तक पहुंचाने वाला कोई नहीं है. उन्होंने बताया कि उनके पिता एक दांतो के डॉक्टर थे, जिसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा. राजनीति में कदम रखने के बाद चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा जिससे वो मानसिक रूप से काफी परेशान हुए थे और घर छोड़कर चले गए थे. 15 साल के बाद वो अपने पिता को ढूंढने में कामयाब हुए और परिवार के सदस्य के गुम हो जाने का गम उन्हें अच्छे से मालूम है. इसलिए जो भी व्यक्ति गुमशुदा होकर मानसिक रूप से परेशान रहता है. वो उसे उसके परिजनों तक मिलाने का पूरा प्रयास करते हैं.

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समाजसेवी राजेश सिंह राजा ने बताया कि अभी तक वो 10 लोगों को उनके परिवार वालों से मिलवा चुके हैं. मानसिक रोगियों से बात कर उनका पता जानने की कोशिश करते हैं. साथ ही इंटरनेट की मदद से पास के पुलिस थानों से संपर्क कर पूरी जानकारी जुटाते हैं. जानकारी मिलने के बाद उस व्यक्ति को वीडियो कॉल की मदद से परिवार वालों को दिखाया जाता है. जब परिवार की ओर से इस बात को स्वीकार्य कर लिया जाता है कि ये शख्स उनके परिवार का ही सदस्य है तो वो पौड़ी के अगरोडा का पता देकर उन्हें यहां बुलाकर परिवार वालों को व्यक्ति को सौंप देते हैं. इस काम को वो निशुल्क करते हैं और आने वाले समय में निरंतर ये काम करते रहेंगे.

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