श्रीनगर:राजकीय उप जिला अस्पताल का स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग विशेषज्ञ चिकित्सकों के बजाय महिला चिकित्साधिकारियों (एमबीबीएस डिग्रीधारी) के भरोसे संचालित हो रहा है. विभाग की एक विशेषज्ञ चिकित्सक सीसीएल (चाइल्ड केअर लीव) पर हैं, जबकि बांडधारी चिकित्सक ने अनुबंध खत्म कर दिया है.
बता दें, राजकीय उप जिला अस्पताल पर पौड़ी और टिहरी जिले के अधिकांश क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं का दारोमदार है. इसके अलावा चमोली और रुद्रप्रयाग जिले के मरीज भी राजकीय मेडिकल कॉलेज जाने के बजाय उप जिला अस्पताल जाना उचित समझते हैं. अस्पताल के स्त्री रोग एवं प्रसूति विभाग की ओपीडी (वाह्यकालीन रोगी विभाग) में औसतन रोजाना 80 से 100 महिलाएं स्वास्थ्य परीक्षण के लिए पहुंचती हैं. इनमें गर्भवती महिलाओं की संख्या भी काफी होती है. साथ ही अस्पताल की सुविधाओं को देखते हुए लोग प्रसव कराने भी आते हैं.
श्रीनगर में राजकीय अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञों की कमी. विभाग में दो विशेषज्ञ चिकित्सक कार्यरत थी लेकिन वर्तमान में यहां एक भी चिकित्सक उपलब्ध नहीं है. स्थायी डॉक्टर सोनाली शाही 30 सितंबर तक सीसीएल पर हैं, जबकि बांडधारी डॉक्टर नेहा ने बांड खत्म कर सेवाएं देनी बंद कर दी हैं, जिसके चलते अब एमबीबीएस महिला चिकित्सक विभाग की ओपीडी और प्रसव सेवाओं को चला रही हैं.
अस्पताल के मुख्य चिकित्साधीक्षक डॉ गोविंद पुजारी (Chief Medical Superintendent Dr Govind Pujari) ने बताया कि डॉ. शाही एक अक्टूबर से ज्वाइन कर लेंगी, जबकि डॉक्टर नेहा के बांड खत्म करने के अनुरोध को शासन ने स्वीकार कर लिया है. इसलिए वह सेवाएं नहीं दे रही हैं. वर्तमान में महिला रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण और प्रसव केस महिला चिकित्साधिकारी नेहा पाल बुटोला, डॉ. मारीशा पंवार और डॉ. सोफिया देख रही हैं.
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काशीपुर में अस्पताल का लाइसेंस रद्द:उधम सिंह नगर जिले के एसीएमओडॉ हरेंद्र मलिक अपनी टीम के साथ काशीपुर पहुंचे, जहां उन्होंने शहर के आधा दर्जन से अधिक अल्ट्रासाउंड सेंटर का निरीक्षण किया. इस दौरान अलीगंज रोड स्थित आरोग्यम हॉस्पिटल में मौजूद स्टाफ आवश्यक दस्तावेज नहीं दिखा पाया. इस पर अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर दिया गया. एसीएमओ डॉ हरेंद्र मलिक ने बताया कि 6 अल्ट्रासाउंड सेंटरों के दस्तावेज सही थे, लेकिन आरोग्य हॉस्पिटल में कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं था. ऐसे में लाइसेंस रद्द किया गया है.