श्रीनगर: दुनिया 22वीं सदी में पहुंच गयी है, लेकिन समाज में अब भी ऐसी कुरीतियां हैं जो एक श्राप की तरह हैं. ऐसी ही एक कुरीति सदियों से हावी रही है, जिसे हम लोग दहेज प्रथा के नाम से जानते हैं. इसी संजीदा विषय को कुछ नौजवान युवा पर्दे पर उकेर रहे हैं. इस गढ़वाली फिल्म को ब्यौला बिको च (byula bikou ch movie) नाम दिया है. जिसकी इन दिनों श्रीनगर में शूटिंग (Shooting of Garhwali movie byula bikou cha) चल रही है.
दहेज प्रथा पर कुठाराघात करेगी ये गढ़वाली फिल्म, श्रीनगर में चल रही शूटिंग - गढ़वाली फिल्म
गढ़वाली फिल्म ब्यौला बिको च (byula bikou ch movie) की इन दिनों श्रीनगर में शूटिंग (Shooting of Garhwali movie byula bikou cha) चल रही है. यह गढ़वाली फिल्म (garhwali movie shooting) सामाजिक परिवेश पर बन रही है, जिसमें दहेज जैसी कुप्रथाओं पर कटाक्ष किया गया है और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के मिशन को आगे बढ़ाते हुए नारी सशक्तिकरण पर जोर दिया गया है.
श्रीनगर गढ़वाल में गढ़वाली फिल्म ब्यौला बिको च की शूटिंग (Garhwali movie byula biko cha) की शुरूआत हो गयी है. आज किसान यूनियन के प्रदेश प्रवक्ता भोपाल चौधरी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य उत्तम भंडारी तथा सामाजिक कार्यकर्ता जय किशन भट्ट ने रिबन काटकर तथा फ्लैप दबाकर फिल्म का शुभारम्भ किया. भोपाल चौधरी ने कहा कि वे भागीरथी कला संगम एक ऐसी संस्था है जो बढ़-चढ़ कर उत्तराखंड की संस्कृति को बढ़ावा देने का कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि संस्था को सरकार से पर्यटन विभाग से जोड़ने की मांग करेंगे.
बता दें कि यह गढ़वाली फिल्म (garhwali movie shooting) सामाजिक परिवेश पर बन रही है, जिसमें दहेज जैसी कुप्रथाओं पर कटाक्ष किया गया है और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के मिशन को आगे बढ़ाते हुए नारी सशक्तिकरण पर जोर दिया गया है. वहीं कलाकारों ने कहा कि वे गढ़वाली फिल्मों में काम तो करते हैं, लेकिन सिनेमा हॉलों में उन्हें बड़ी संख्या में दर्शक नहीं मिल पाते, जो बताता है कि लोगों का बॉलीवुड फिल्मों की तरफ झुकाव है. लेकिन पहाड़ी संस्कृति पर बनी फिल्मों को दर्शक नहीं मिल पाते हैं.