पौड़ी: जिले के थलीसैंण ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बगवाड़ी में कार्यरत प्रभारी प्रधानाध्यापिका को जिला शिक्षाधिकारी प्राथमिक शिक्षा ने बहाल कर दिया है. शिक्षिका को बीते 21 सितंबर को मुख्य शिक्षाधिकारी ने निलंबित किया था. एसएमसी व अभिभावकों के दबाव के चलते डीईओ प्राथमिक शिक्षा को पुन: बहाली के आदेश जारी करने पड़े.
गौरतलब है कि थलीसैंण ब्लॉक के प्राइमरी स्कूल बगवाड़ी में कार्यरत सहायक अध्यापिका व प्रभारी प्रधानाध्यापिका शीतल रावत को शिक्षा महकमे ने बहाल कर दिया है. शिक्षिका के निलंबन को अभिभावकों, प्राथमिक शिक्षक संघ और एसएमसी ने गलत ठहराया था. साथ ही तत्काल बहाली की मांग की थी. शिक्षिका को 21 सितंबर को निलंबित कर दिया गया था. इस मामले में बीईओ थलीसैंण विवेक पंवार को जांच अधिकारी बनाया गया था. दरसअल सीईओ डॉ आनंद भारद्वाज ने 20 सितंबर को थलीसैंण के इस विद्यायल का औचक निरीक्षण किया था. जिसमें विद्यालय की प्रभारी प्रधानाचार्य शीतल रावत नदारद मिली थीं.
आरोप था कि प्रभारी प्रधानाध्यापिका शीतल रावत बिना अनुमति के गांव की एक लड़की को पठन-पाठन के लिए रखा है. उस लड़की को 2500 रुपए मानदेय दिया जा रहा है. जिस पर उनके वेतन पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी गई थी. लेकिन दूसरे ही दिन प्रभारी डीईओ बेसिक मोहम्मद सावेद आलम द्वारा शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया.
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जांच में अध्यापिका पर लगाए गए आरापों की पुष्टि नहीं हुई. वहीं अब डीईओ प्राथमिक शिक्षा डा. शिव पूजन सिंह ने अध्यापिका शीतल रावत के बहाली के आदेश जारी किए हैं. हालांकि हिदायत भी दी गई वह भविष्य में ऐसे कृत्य न करें. अध्यापिका के निलंबन को लेकर प्राथमिक शिक्षक संघ ने भी कड़ी नाराजगी जताई थी. अध्यापिका के पक्ष में एसएमसी भी उतर गई थी और उन्होंने विभागीय कार्रवाई का विरोध करते हुए आंदोलन की भी चेतावनी दी थी. प्राथमिक शिक्षक संघ ने इस निलंबन को लेकर 29 सितंबर को भी धरने की भी चेतावनी दी थी.
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