श्रीनगर: प्रदेश में डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सबसे अधिक डेंगू वाले वाले क्षेत्रों में तीन सदस्यीय टीम भेजी गई है. जिसमें क्षेत्रीय कार्यालय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण लखनऊ और भारत सरकार के राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केन्द्र दिल्ली के सदस्य शामिल हैं. टीम ने आज अलकनंदा हाइड्रो प्रोजेक्ट के कार्यालय के समीप निरीक्षण किया, तभी पॉवर प्रोजेक्ट की कोटेश्वर कॉलोनी में सबसे अधिक डेंगू मच्छर पनपने का सोर्स और भारी मात्रा में लार्वा पाया.
जिस पर भारत सरकार की टीम के सदस्यों ने काफी नाराजगी जताते हुए कंपनी के अधिकारियों को फटकार लगाई और जल्द ही पूरे क्षेत्र में सफाई के साथ-साथ जमा स्टोर पानी को खाली करने के निर्देश दिए. साथ ही तहसील प्रशासन ने कंपनी पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया. आरओएचएफडब्ल्यू (Regional Office Health and Family Welfare Lucknow) यूपी उत्तराखंड के वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक डॉ. बीके चौधरी, राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केन्द्र दिल्ली (एनवीबीडीसीपी) के एंटोमोलॉजिस्ट एन.ए जॉनसन, अमला ज्वस्टिन और इंसेक्ट कलेक्टर जमुना लाल और मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कोटेश्वर कॉलोनी की खाली पड़ी भूमि पर श्रीनगर जलविद्युत परियोजना के पड़े पुराने टॉयर, ड्रम और पाइपों को देखा.
तभी जगह-जगह बरसात का पानी जमा मिला और उसमें बड़ी मात्रा में डेंगू मच्छर का लार्वा पाया गया. टीम के सदस्यों ने मौके पर लार्वा के सैंपल भी लिए. टीम द्वारा निरीक्षण के बाद डेंगू की रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जाएगी. टीम के सदस्यों ने प्रदेश के विभिन्न स्थानों से लार्वा के सैंपलों से मेडिकल कॉलेज में अध्ययन छात्र-छात्राओं को भी अवगत कराया. इसके अलावा मच्छर फैलने वाले कारकों और मच्छर ना फैले इसके निराकरण के लिए कम्युनिटी में कैसे कार्य किया जाता है, उसके लिए विभिन्न टिप्स दिए.