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केंद्रीय टीम ने किया श्रीनगर जलविद्युत परियोजना का निरीक्षण, ठोका 25000 का जुर्माना, जानें क्या है मामला

Dengue in Uttarakhand उत्तराखंड में डेंगू के मामले ज्यादा आने के बाद भारत सरकार ने जांच के लिए एक टीम भेजी है. जिसने आज श्रीनगर में अलकनंदा हाइड्रो प्रोजेक्ट के पास निरीक्षण किया. इसी बीच लार्वा और बारिश का पानी पाए जाने पर श्रीनगर जलविद्युत परियोजना पर 25000 का जुर्माना लगाया.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 5, 2023, 10:37 PM IST

Updated : Oct 5, 2023, 10:43 PM IST

केंद्रीय टीम ने किया श्रीनगर जलविद्युत परियोजना का निरीक्षण

श्रीनगर: प्रदेश में डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सबसे अधिक डेंगू वाले वाले क्षेत्रों में तीन सदस्यीय टीम भेजी गई है. जिसमें क्षेत्रीय कार्यालय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण लखनऊ और भारत सरकार के राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केन्द्र दिल्ली के सदस्य शामिल हैं. टीम ने आज अलकनंदा हाइड्रो प्रोजेक्ट के कार्यालय के समीप निरीक्षण किया, तभी पॉवर प्रोजेक्ट की कोटेश्वर कॉलोनी में सबसे अधिक डेंगू मच्छर पनपने का सोर्स और भारी मात्रा में लार्वा पाया.

भारत सरकार की ROHFW और NVBDCP टीम ने किया निरीक्षण

जिस पर भारत सरकार की टीम के सदस्यों ने काफी नाराजगी जताते हुए कंपनी के अधिकारियों को फटकार लगाई और जल्द ही पूरे क्षेत्र में सफाई के साथ-साथ जमा स्टोर पानी को खाली करने के निर्देश दिए. साथ ही तहसील प्रशासन ने कंपनी पर 25 हजार का जुर्माना भी लगाया. आरओएचएफडब्ल्यू (Regional Office Health and Family Welfare Lucknow) यूपी उत्तराखंड के वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक डॉ. बीके चौधरी, राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केन्द्र दिल्ली (एनवीबीडीसीपी) के एंटोमोलॉजिस्ट एन.ए जॉनसन, अमला ज्वस्टिन और इंसेक्ट कलेक्टर जमुना लाल और मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत ने कोटेश्वर कॉलोनी की खाली पड़ी भूमि पर श्रीनगर जलविद्युत परियोजना के पड़े पुराने टॉयर, ड्रम और पाइपों को देखा.

तभी जगह-जगह बरसात का पानी जमा मिला और उसमें बड़ी मात्रा में डेंगू मच्छर का लार्वा पाया गया. टीम के सदस्यों ने मौके पर लार्वा के सैंपल भी लिए. टीम द्वारा निरीक्षण के बाद डेंगू की रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जाएगी. टीम के सदस्यों ने प्रदेश के विभिन्न स्थानों से लार्वा के सैंपलों से मेडिकल कॉलेज में अध्ययन छात्र-छात्राओं को भी अवगत कराया. इसके अलावा मच्छर फैलने वाले कारकों और मच्छर ना फैले इसके निराकरण के लिए कम्युनिटी में कैसे कार्य किया जाता है, उसके लिए विभिन्न टिप्स दिए.

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आरओएचएफडब्ल्यू यूपी-उत्तराखंड के वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक डॉ. बीके चौधरी ने कहा कि उत्तराखंड में दो-तीन सालों की तुलना करें, तो इस साल यहां अधिक केस मिले हैं. जिससे भारत सरकार द्वारा जांच के लिए टीम को भेजा गया है. उन्होंने कहा कि देहरादून में अधिक मात्रा में मच्छर पैदा करने वाले स्थान मिले. इसके बाद श्रीनगर में सबसे अधिक डेंगू और चिकनगुनिया फैलाने वाले मच्छरों के पैदा करने वाले स्थान मिले हैं. वहीं, अगर बारिश होती है, तो उत्तराखंड में फिर डेंगू फैलने के पूरे-पूरे चांस है. ऐसे में सतर्कता ही सबसे अच्छा उपाय है.

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Last Updated : Oct 5, 2023, 10:43 PM IST

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