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Pauri Binsar Mahadev: बिनसर महादेव मंदिर पहुंचना होगा आसान, 1.65 करोड़ की लागत तैयार होगी सड़क

अब बिनसर महादेव मंदिर पहुंचना आसान हो जाएगा. इसके लिए 1.65 करोड़ की लागत से सड़क का निर्माण किया जाएगा. इस मंदिर की महिमा दूर-दूर तक है. सावन के महीने में यहां श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ता है. यहां पर एक शिला भी मौजूद है, जिस पर लिखे लिपि को आज तक कोई पढ़ नहीं पाया है.

Binsar Mahadev Temple in Pauri
बिनसर महादेव मंदिर

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Published : Mar 2, 2023, 8:10 PM IST

पौड़ी: थलीसैंण ब्लॉक के चौथान क्षेत्र में स्थित बिनसर महादेव मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी है. राज्य योजना के तहत इस मंदिर को सड़क सुविधा से लैस किया जा रहा है. स्थानीय विधायक और काबीना मंत्री धन सिंह रावत ने मंदिर पहुंचने के लिए 4.80 किमी लंबी मोटर मार्ग के निर्माण को हरी झंडी दे दी है. जिसके लिए विधायक रावत ने 1.65 करोड़ की धनराशि भी स्वीकृत कर दिए हैं.

थलीसैंण ब्लॉक के चौथान पट्टी के तहत पड़ने वाले गड़ोली पुल से चौड़ा-मैखोली-देवराड़ी-कठूरखाल लिंक मोटर मार्ग का नवनिर्माण कार्य के लिए द्वितीय चरण की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति की गई है. 4.80 किमी लंबी मोटर मार्ग के निर्माण कार्य के लिए 1 करोड़ 65 लाख 11 हजार की धनराशि स्वीकृत की है. कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि करीब 5 किलोमीटर की सड़क बन जाने से देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को अब बिनसर महादेव मंदिर के दर्शन करने में और ज्यादा आसानी होगी. इससे पहले करीब 30 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती थी.

वहीं, चौथान क्षेत्र की जनता ने इस मोटर मार्ग के स्वीकृत होने पर खुशी जताई. उन्होंने कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत का आभार जताया है. थलीसैंण मंडल अध्यक्ष नवीन जोशी और जिला पंचायत सदस्य अमर सिंह ने बताया कि लंबे समय से मंदिर क्षेत्र के लिए मोटर मार्ग के निर्माण की मांग उठाई जा रही थी. जिसे क्षेत्रीय विधायक और काबीना मंत्री धन सिंह रावत ने पूरा करने की बात कही है. ऐसे में उम्मीद है कि बिनसर महादेव के लिए जल्द सड़क बनकर तैयार हो जाएगी.
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यह है मंदिर की मान्यताःपौड़ी जिले के थलीसैंण के चौथान बिनसर महादेव पौराणिक मंदिरों में शुमार है. मान्यता है कि इस मंदिर को अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने तैयार किया था. मान्यता ये भी है कि मंदिर को बिंदु नामक एक राजा ने निर्माण कराया था. जो कि आदि देव महादेव को समर्पित है. इतना ही नहीं मंदिर परिसर में एक शिला है.

इस शिला पर कुछ अज्ञात लिपि में कुछ लिखा हुआ है. जिसे आज तक पढ़ा नहीं जा सका है. स्थानीय लोगों की मानें तो प्राचीन काल में इसके गर्भगृह में ठंडे पानी का एक गोलाकार और काफी गहरा जलाशय हुआ करता था. बताया जाता है इसके ऊपर ही मुख्य मंदिर का निर्माण किया गया. साथ ही मंदिर के चारों ओर अनेक देवी-देवताओं की मूर्तियां भी रखी गई हैं.

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