श्रीनगरःगढ़वाल विश्वविद्यालय के सूक्ष्म जैविकी विषय की शोध छात्रा प्रीति सिंह ने बदरीनाथ तप्त कुंड के पानी में सूक्ष्म शैवाल की एक दुर्लभ प्रजाति Pseudobohlinia sp. (स्यूडोबोह्लिनिया प्रजाति) की खोज की है. पीएचडी स्कॉलर प्रीति के मुताबिक, यह प्रजाति उत्तराखंड में पहली बार खोजी गई है. प्रीति सिंह को डॉ. धनंजय कुमार के निर्देशन में यह उपलब्धि उनके पीएचडी शोध के दौरान मिली है. प्रीति सिंह गढ़वाल में पाए जाने वाले 100 से अधिक सूक्ष्म शैवालों की बायोडीजल उत्पादक क्षमता पर कार्य कर रही हैं. इस शोध में पाया गया कि यह दुर्लभ प्रजाति उत्तराखंड में तीसरी पीढ़ी का बायोडीजल उत्पादित करने के लिए प्रयोग की जा सकती है. यह शोध अंतरराष्ट्रीय प्रकाशन एल्सेवियर से प्रकाशित पत्रिका बायोमास एंड बायोएनर्जी में भी प्रकाशित हो चुकी है.
Pseudobohlinia sp. (स्यूडोबोह्लिनिया प्रजाति) नाम के इस सूक्ष्म शैवाल को इससे पूर्व 1980 में गुजरात, 1966 में अमेरिका, 1987 में बांग्लादेश में भी खोजा जा चुका है. लेकिन इसके ऊपर खोजे जाने के अतिरिक्त कोई अन्य कार्य नहीं हो सका. लेकिन अब एक बार फिर बदरीनाथ में इस शैवाल के मिलने से इससे बायोडीजल बनाने में मदद मिल सकेगी. इस शैवाल को माइक्रोस्कोप से ही देखा जा सकता है. ये 5 माइक्रोमीटर का होता है, ये अमूमन 25 से 35 डिग्री तापमान पर ही पाया जाता है. लेकिन इसकी खासियत ये है कि ये गर्म वातावरण के साथ साथ ठंडे वातावरण में भी अपने आप को सर्वाइव कर सकता है.