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'गैरसैंण से पुरुषोत्तम असनोड़ा' पुस्तक का विमोचन, वक्ताओं ने संघर्षों पर डाला प्रकाश - Gairsain se Purushottam Asnoda book

श्रीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में 'गैरसैंण से पुरुषोत्तम असनोड़ा' पुस्तक का विमोचन किया गया. साथ ही कार्यक्रम में आए लोगों ने पुरुषोत्तम असनोड़ा से संघर्षों को याद किया. कहा कि पुरुषोत्तम असनोड़ा ने गैरसैंण को नई पहचान दिलाई है, जिसे भुलाया नहीं जा सकता है.

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Published : Apr 16, 2023, 8:48 AM IST

Updated : Apr 16, 2023, 11:26 AM IST

श्रीनगर:गढ़वाल के श्रीनगर में स्व.पुरुषोत्तम असनोड़ा की स्मृति में आयोजित व्याख्यान में जन सरोकारों से जुड़े प्रतिनिधियों ने शिरकत की. इस मौके पर प्रदेश के जन सरोकारों तथा विशेषकर गैरसैंण के संदर्भ में प्रकाशित 'गैरसैंण से पुरुषोत्तम असनोड़ा' पुस्तक का विमोचन किया गया. कार्यक्रम में रुद्रांश सिल्सवाल ने डॉ.अतुल शर्मा की कविता 'पर्वत की चिट्ठी ले जाना, तू सागर की ओर, नदी तू बहती रहना, गाकर सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया.

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता महिपाल सिंह नेगी ने कहा कि पर्वतीय राज्य की अवधारणा को समझने के लिए हमें उसके इतिहास को टटोलना होगा.पर्वतीय राज्य में आज भी जनता के संघर्षों की बानगी उन्होंने अनेक उदाहरणों से बताई. कहा कि गैरसैंण के पक्ष में कौशिक समिति से लेकर राजधानी आयोग तक की स्वीकृति बहुत कुछ कहती है. विशिष्ट अतिथि गैरसैंण में भुवनेश्वरी महिला आश्रम के प्रबंधक गिरीश डिमरी ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय पुरुषोत्तम असनोड़ा जैसा व्यक्तित्व गैरसैंण को नई पहचान दे गया.
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वे उत्तराखंड राज्य को सतत विकास की अवधारणा के साथ पनपते देखना चाहते थे. इस अवसर पर जनकवि डॉ.अतुल शर्मा ने अपनी कई जन-सरोकारी कविताओं को सुनाया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा कि हमें तय करना होगा कि हम किस ओर हैं. तब इस राज्य की अवधारणा साकार रूप ले सकेगी. इस अवसर पर भाकपा माले के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी सहित कई लोग मौजूद रहे. साथ ही इस मौके पर तमाम लोगों ने अपने विचार रखे.

Last Updated : Apr 16, 2023, 11:26 AM IST

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