श्रीनगर:उत्तराखंड का पौड़ी जिला झीलों का शहर बनने जा रहा है. जनपद के विभिन्न इलाकों में अब झीलें बनने जा रही हैं. सिंचाई विभाग ने इस सम्बंध में प्रस्ताव शासन को भेज दिया है. फिलहाल शासन ने इन दस झीलों में से एक झील के लिए बजट अवमुक्त कर दिया है, जबकि ल्वलि झील का कार्य अब सेकंड फेज में पहुंच गया है.
उत्तराखंड का ये जिला बनेगा झीलों का शहर, पर्यटन को लगेंगे पंख - pauri latest news
पौड़ी जनपद के लिए अच्छी खबर है. सब कुछ ठीक ठाक चला तो जल्द जनपद में दस झीलें अस्तित्व में आ जाएंगी. जिसका प्रशासन ने खाका तैयार कर शासन को भेज दिया है. वहीं झीलें बनने से पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही लोगों को पर्याप्त पेयजल उपलब्ध हो सकेगा.
विभाग की मानें तो झीलों के बनने से जहां जल संचय में मदद मिलेगी तो वहीं इससे जनपद में कई नए पर्यटक डेस्टिनेशन पर पर्यटकों की आमद बढ़ेगी. सभी झीलें मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद ही प्रस्तावित की गई हैं, जिनका प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है. इसमें जयहरीखाल 1.30 किलोमीटर लंबी झील,द्वारीखाल 0.750 लंबी झील, रेन्द्रीगाड़ में 0.900किमी लंबी झील,थलीसैंड में 0.275 लंबी झील,थलीसैंड में ही 0.527 किमी लंबी झील, बीरोंखाल में 0.250 लंबी झील,यमकेश्वर 0.500 लंबी झील,दुगड्डा में 0.900 लंबी झील,यमकेश्वर में 0.500 लंबी झील बनना प्रस्तावित है.
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इन झीलों को नजदीक के गांवों तक सिंचाई और पानी की समस्या को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता सचिन शर्मा ने बताया कि सभी 10 झीलों का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है. इनमें से सात झीलों का निर्माण श्रीनगर सिंचाई विभाग को करना है, जबकि तीन झीलों का निर्माण दुगड्डा सिंचाई खंड को करेगा. सभी झीलें मुख्यमंत्री की घोषणा के आधार पर बनाई जा रही हैं. उन्होंने बताया कि ये सभी झीलें पेयजल समस्या,पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बनाई जा रही हैं. इसके साथ ही इन झीलों से पानी को सिंचाई के लिए भी किसान उपयोग कर सकेंगे.