श्रीनगर:प्रदेश में शिक्षा की स्थिति पर चिंतन तो काफी होता है, लेकिन धरातल पर कभी नहीं उतर पाता. प्रदेश के कई स्कूल शिक्षक विहीन होने से बंद हो चुके हैं, तो कई शिक्षक दुर्गम स्थानों पर जाना नहीं चाहते हैं. कुछ ऐसा ही वाक्या फिर देखने को मिला है, जहां पौड़ी जिले के प्राथमिक विद्यालय बग्वाड़ी से (Government Primary School Bagwadi) से प्रधानाध्यापिका शीतल रावत नदारद मिलीं. इतना ही नहीं, प्रधानाध्यापिका ने अपने स्थान पर पढ़ाने के लिए 2500 रुपए मासिक पर एक लड़की को भी रखा हुआ था. हालांकि, एक्शन के बाद शीतल रावत ने अपनी ओर से सफाई भी दी है.
निरीक्षण के दौरान नदारद मिलीं प्रधानाध्यापिका:मुख्य शिक्षा अधिकारी पौड़ी (Pauri Chief Education Officer) डॉ. आनंद भारद्वाज के निरीक्षण के दौरान इस बात से पर्दा उठा. सीईओ के आदेशों के बाद जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा ने प्रधानाध्यापिका को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही उन्हें खंड शिक्षा कार्यालय थलीसैंण अटैच कर दिया गया है और वेतन भी रोक दिया गया है.
जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक शिक्षा मो. सावेद आलम ने बताया कि मुख्य शिक्षा अधिकारी (Pauri Chief Education Officer) डॉ. आनंद भारद्वाज ने थलीसैंण (Pauri Thalisain Block) के राजकीय प्राथमिक विद्यालय बग्वाड़ी का औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान डॉ. आनंद भारद्वाज ने पाया कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय बग्वाड़ी की प्रधानाध्यापिका शीतल रावत नदारद हैं.
सीईओ ने पूछताछ की तो पता चला कि प्रभारी प्रधानाध्यापिका ने अपनी जगह पर गांव की मधु रावत नाम की एक लड़की को पठन-पाठन के लिए बतौर सहायक शिक्षिका तैनात किया हुआ है. इसके लिए उसे ₹2500 प्रतिमाह दिये जाते हैं.
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मामले की गंभीरता और सरकारी कर्मचारी के दायित्वों का सरासर उल्लंघन पाते हुए सीईओ डॉ. भारद्वाज ने उप शिक्षा अधिकारी थलीसैंण विवेक पंवार को मामले के जांच के आदेश दिए हैं और प्रभारी प्रधानाध्यापिका शीतल रावत से भी स्पष्टीकरण तलब किया है. इसके साथ ही उन्हें खंड शिक्षा कार्यालय ने शीतल रावत को निलंबित करते हुए थलीसैंण अटैच कर दिया है. संतोषजनक स्पष्टीकरण मिलने तक शीतल रावत के वेतन पर भी अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी गई है.