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चारधाम यात्रा से पहले डर के साये में धारी देवी मंदिर के पुजारी, जानिए क्या है वजह - धारी देवी मंदिर के भार वहन क्षमता की जानकारी

उत्तराखंड के श्रीनगर क्षेत्र में स्थित सिद्धपीठ मां धारी देवी का मंदिर काफी प्रसिद्ध है. इस सिद्धपीठ को 'दक्षिण काली माता' के रूप में पूजा जाता है. यह मंदिर अलकनंदा नदी के बीचों बीच पिलर पर बना है, लेकिन इस पिलर को लेकर धारी देवी मंदिर प्रशासन और पुजारी काफी चिंतित हैं. जानिए उनकी चिंता की मुख्य वजह क्या है?

Dhari Devi Temple in Srinagar
चारधाम यात्रा से पहले डर के साये में धारी देवी मंदिर के पुजारी

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Published : Apr 6, 2023, 4:17 PM IST

Updated : Apr 6, 2023, 5:28 PM IST

चारधाम यात्रा से पहले डर के साये में धारी देवी मंदिर के पुजारी

श्रीनगरःझील के बीच पिलरों पर खड़ा धारी देवी का मंदिर देखने में काफी भव्य और खूबसूरत लगता है, लेकिन इन पिलरों को लेकर मंदिर समिति को चिंता सता रही है. चिंता इस बात की है कि अभी तक मंदिर समिति को धारी देवी मंदिर के भार वहन क्षमता की जानकारी ही नहीं है. जिसके कारण धारी देवी मंदिर समिति चिंतित है. चंद दिनों बाद चारधाम यात्रा भी शुरू होने जा रहा है. ऐसे में बदरीनाथ और केदारनाथ जाने वाले सभी श्रद्धालु पहले धारी देवी मंदिर में मत्था टेकते हैं. ऐसे में इस बार धारी देवी मंदिर में बंपर श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. जिसके कारण धारी देवी मंदिर समिति के सदस्यों के माथे पर चिंता की लकीरें पड़ गई है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान धारी देवी मंदिर के मुख्य पुजारी लक्ष्मी प्रसाद पांडे ने मंदिर प्रबंधन के डर को साथ साझा किया. उन्होंने बताया कि धारी देवी मंदिर में नवरात्रि के समय हर दिन 10 से 20 हजार श्रद्धालु मंदिर परिसर में पहुंच थे. जो बाकी दिनों के मुकाबले काफी ज्यादा था, लेकिन उन्हें और मंदिर प्रशासन को अभी तक ये नहीं पता कि मंदिर की भार सहने की क्षमता कितनी है? जिससे उनकी चिंता बैठ गई है. अब वो इस संबंध में आपदा प्रबंधन विभाग को पत्र लिखकर समस्या का निदान करने की अपील करेंगे.
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गौर हो कि जून 2013 में श्रीनगर जलविद्युत परियोजना की झील के स्तर को बढ़ाने के लिए धारी देवी मंदिर को हटाया गया था. साथ ही मां धारी देवी मंदिर की मूर्ति को अपलिफ्ट किया गया था. अब इसी जगह पर अलकनंदा नदी के बीचों बीच पिलरों के ऊपर मां धारी देवी का भव्य मंदिर बनाया गया है. वर्तमान समय में मां धारी देवी की मूर्ति को इसी मंदिर में विराजमान किया गया है. पुजारियों का कहना है कि मंदिर के निर्माण के बाद उन्हें आज तक ये नहीं बताया गया है कि मंदिर की भार क्षमता कितनी है? वर्तमान समय में एक ही समय में हजारों श्रद्धालु मंदिर में एक साथ आ रहे हैं. इसलिए मंदिर के भार क्षमता को लेकर उन्हें चिंता सताने लगी है.

धारी देवी मंदिर के मुख्य पुजारी लक्ष्मी प्रसाद पांडे ने बताया कि इस संबंध में मंदिर निर्माण करने वाली कार्यदायी संस्था जीवीके को कई बार अवगत कराया गया है, लेकिन उन्होंने भी मंदिर के भार सहने की वास्तविक क्षमता की जानकारी नहीं दी गई है. इसके साथ जब बरसात के दिनों में अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़ जाता है तो मंदिर के पिलरों में बड़े-बड़े बोल्डर और पेड़ टकराने से कंपन्न होने लगता है. साथ ही पानी का लेवल काफी हाइट तक पहुंच जाता है. उन्होंने सरकार से मंदिर की भार क्षमता की जांच करने की अपील की है.

धारी देवी मंदिर प्रशासन ने इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी है. अगर मंदिर प्रशासन इस संबंध में कोई शिकायत देंगे तो वे मंदिर की भार क्षमता की वस्तुस्थिति जानने के लिए संबंधित विभाग को आदेश जारी करेंगे. -अजयवीर सिंह, उप जिलाधिकारी, श्रीनगर

Last Updated : Apr 6, 2023, 5:28 PM IST

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