श्रीनगर: हाई कोर्ट ने नगर पालिका चुनाव 15 जुलाई तक कराने के निर्देश के बाद कांग्रेस और बीजेपी ने कमर कस ली है. दोनों ही दल चुनाव की रणनीति बनाने में जुट गए हैं. वहीं लोकसभा चुनावों में मिले प्रचंड बहुमत से जहां एक ओर बीजेपी कार्यकर्ताओं के चेहरे खिले हुए हैं तो वहीं कांग्रेस इस चुनाव में कड़ी टक्कर देने के लिए मैदान में उतरेगी. वहीं सियासी दलों को स्थानीय मुद्दे समीकरण बदलने की भी चिंता सता रही है.
श्रीनगर नगर पालिका चुनाव: कांग्रेस और बीजेपी ने कसी कमर, स्थानीय मुद्दे बिगाड़ सकते हैं समीकरण - Srinagar Garhwal
परिसीमन के विवाद के चलते श्रीनगर में पालिका चुनाव संपन्न नहीं हो पाये थे. वहीं अब हाई कोर्ट ने सरकार को जल्द से जल्द चुनाव कराने के र्निदेश दिए हैं. जिसके बाद से भाजपा और कांग्रेस ने रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है.
गौर हो कि परिसीमन के विवाद के चलते श्रीनगर में पालिका चुनाव संपन्न नहीं हो पाये थे. वहीं अब हाई कोर्ट ने सरकार को जल्द से जल्द चुनाव कराने के र्निदेश दिए हैं. जिसके बाद से भाजपा और कांग्रेस ने रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है. वहीं लोकसभा चुनावों में मिले प्रचंड बहुमत से जहां एक ओर बीजेपी कार्यकर्ताओं के चेहरे खिले हुए हैं. तो वहीं कांग्रेस इस चुनाव में कड़ी टक्कर देने के लिए मैदान में उतरेगी. साथ ही कांग्रेस नेताओं के सामने कार्यकर्ताओं के गिरे मनोबल का बढ़ाना भी चुनौती होगी. स्थानीय लोगों का कहना है कि पालिका चुनाव में एनआईटीए, शुद्व पेयजल पार्किंग, स्वास्थ्य जैसे मुद्दे हावी रहेंगे और उन्हीं मुद्दों के आधार पर वोट दिया जाएगा.
भाजपा व कांग्रेस दोनों के लिए श्रीनगर का किला जीतना काफी अहम है. यदि भाजपा श्रीनगर नगर पालिका सीट हारती है तो इसका असर पूरे गढ़वाल मंडल पर पड़ेगा. क्योंकि चार महीने बाद पंचायत चुनाव भी हैं. कोर्ट के आदेश के बाद श्रीनगर में सियासत बढ़ गई है. दोनों ही दलों ने अपने कार्यकर्ताओं से संपर्क तेज कर दिया है. ऐसा में देखना होगा कि इस सीट को अपने पाले में करता है. क्योंकि दोनों ही दलों की डगर आसान नहीं हैं, स्थानीय लोगों ने साफ कर दिया है कि वे स्थानीय मुद्दों पर भी वोट देंगे.