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Pahadi Anjeer Bedu: पहाड़ी अंजीर पलायन पर करेगा चोट, वाइन बनाने की तैयारी तेज, विक्रय के लिए एमओयू साइन

उत्तराखंड के शुद्ध वातावरण में होने वाला बेड़ू काफी गुणकारी माना जाता है. पौड़ी में डीएम ने काश्तकारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बेड़ू को बढ़ावा देने की पहल की है. आने वाले दिनों में बेड़ू से शराब बनाने के साथ ही किसानों को इसके पेड़ों को लगाने के लिए मुफ्त में बेड़ू के पौधे वितरित किए जाएंगे.

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Published : Feb 10, 2023, 12:00 PM IST

Updated : Feb 10, 2023, 12:09 PM IST

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बेड़ू से बनेगी वाइन

पौड़ी:बेड़ू को पहाड़ी अंजीर भी कहा जाता है. इसको औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है. बेड़ू के फल की मांग बाजारों में बढ़ने लगी है. योजना सफल रही तो आने वाले दिनों में पौड़ी जिले के किसानों व काश्तकारों की आर्थिकी सुदृढ़ हो सकेगी. जिससे पलायन पर भी अंकुश लग सकेगा. डीएम ने पहाड़ी फल बेड़ू को पहाड़ की आर्थिकी का जरिया बनाया है. जिले में बेड़ू के विक्रय को बढ़ावा देने के लिए एमओयू किया गया है.

काश्तकारों को आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम: एमओयू से 300 कुंतल से अधिक बेड़ू के विक्रय का रास्ता खुलेगा. जिससे बड़े पैमाने पर किसान व काश्तकार और महिला समूह लाभान्वित हो सकेंगे. रूरल इंटरप्राइजेस एक्सेलेरेशन प्रोजेक्ट (रिप) और फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में काम करने वाली एक निजी कंपनी ने जनपद में बेड़ू विक्रय को बढ़ावा देने का मन बनाया है. साथ ही कंपनी ने उसके वैल्यू एडिशन के संबंध में जिला प्रशासन से भी वार्ता की है.

डीएम डॉ. आशीष चौहान ने कृषि, उद्यान और ग्राम्य विकास विभाग के अफसरों के साथ वार्ता करने उपरांत इस एमओयू पर हस्ताक्षर किये. इस समझौता ज्ञापन के अनुसार संबंधित फूड प्रोसेसिंग कंपनी द्वारा कोटद्वार में बेड़ू का वृहद प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित किया जाएगा. जिसमें 1000 स्थानीय किसानों, काश्तकारों और महिला समूहों के माध्यम से बेड़ू को एकत्रित किया जाएगा.
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जानिए क्या है योजना: जिला प्रशासन की मानें तो यह कंपनी जिले में वृहद स्तर पर बेड़ू को एकत्रित करेगी. कंपनी स्थानीय 1000 किसानों, काश्तकारों और महिला समूहों को बेड़ू की खेती कराने के साथ ही उन्हीं से इसे खरीदेगी. जिससे स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार तो मिलेगा ही साथ ही जिले की जीडीपी में भी वृद्धि होगी. वहीं विकास विभाग ने इस कार्य के लिए सभी रेखीय विभागों से सलाह मांगी है. जिसमें कृषि, उद्यान और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) से जुड़े अफसरों द्वारा किसानों व काश्तकारों और महिला समूहों के माध्यम से बेड़ू का एकत्रीकरण किया जाएगा. इसके बाद बेड़ू के क्रय की दरों का निर्धारण करने के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में बेड़ू के पेड़ों के चिन्हीकरण करने के अलावा उनकी खेती पर भी जोर दिया जाएगा. इसके लिए विभाग किसानों को बेड़ू की खेती की सभी तकनीकी जानकारियां देंगे.
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बेड़ू से वाइन तैयार करने पर जोर: रूरल इंटरप्राइजेस एक्सेलेरेशन प्रोजेक्ट (रिप) और फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में काम करने वाली एक निजी कंपनी जिले में बेड़ू से वाइन तैयार करने के एक प्रोजेक्ट को पौड़ी जिले में स्थापित करने जा रही है. कंपनी पहाड़ों में अक्सर पाये जाने वाले फल का उपयोग उच्च स्तरीय वाइन निर्माण में करने जा रही है. कंपनी द्वारा कोटद्वार में एक प्लांट स्थापित किया जाएगा. कंपनी ने इसके लिए जिले में फिलहाल 4 करोड़ का निवेश का मन बनाया है. सब कुछ योजना के अनुसार हुआ तो कंपनी शुरू होते ही इस साल 300 कुंतल बेड़ू का क्रय किया जाएगा. जिससे स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार के साथ साथ जिले के राजस्व में भी वृद्धि होगी.

बेड़ू फल की खासियत:हिमालयन वाइल्ड फिग के नाम से जाने जाना वाला फल उत्तराखंड के में बेड़ू के नाम से परिचित है. बेड़ू के पेड़ आमतौर पहाड़ी इलाकों में पाये जाते हैं. यह जंगलों की अपेक्षा गांवों में खेतों और बंजर जगहों पर सामान्य रूप से उग जाता है. बेड़ू मानव के स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होने के साथ साथ दूधारू पशुओं के लिए भी काफी फायदेमंद होता है. इसका पेड़ 1550 मीटर की ऊंचाई में पाया जाता है. यह एक प्रकार से अंजीर का ही प्रतिरूप है. बेड़ू की करीब 800 प्रजातियां पूरे विश्व में पायी जाती हैं. इस फल से जैम, जेली व शरबत आदि बनाये जाते हैं.

Last Updated : Feb 10, 2023, 12:09 PM IST

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