श्रीनगर: पहाड़ों में मरीजों की किस्मत में अस्पतालों के चक्कर काटना ही लिखा है. संसाधनों के अभाव के कारण यहां के अस्पताल महज रेफरल सेंटर बनकर रह गये हैं. जिम्मेदार अधिकारी भी वक्त बेवक्त अपनी जिम्मदारियों से पल्ला झाड़ते दिखते हैं. जिसके कारण परेशानियां और भी बढ़ जाती हैं. ऐसी ही परेशान, चिंतित और व्याकुल करने वाली तस्वीर श्रीनगर गढ़वाल से सामने आई है. क्या है ये मामला आइये आपको बताते हैं
दरअसल, मामला देवप्रयाग का है. यहां डिलीवरी करवाने पहुंची उनेड़ी गांव की 28 वर्षीय नीलम को अस्पताल ने रेफर करते हुए श्रीनगर भेज दिया. जब महिला 20 किलोमीटर दूर में बागवान पहुंची तभी महिला ने एंबुलेंस में ही बच्चे को जन्म दे दिया.
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बड़ी बात ये है कि जब सीएचसी देवप्रयाग से गर्भवती को रेफर किया गया तब अस्पताल में डॉक्टर तक नहीं थे, जो उस वक्त वहां मौजूद थे उन्होंने ही महिला की स्थिति को देखते हुए परिजनों को श्रीनगर जाने को कहा. वहां मौजूद लोगों ने मामले को गंभीर बताते हुए रेफर करने की बात कही. जिसके आधे घंटे बाद ही गर्भवती की बागवान के पास एंबुलेंस में ही नार्मल डिलीवरी हुई.
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