कोटद्वार :टिहरी जिले में हुए स्कूल वैन हादसे के बाद पौड़ी जिला प्रशासन हरकत में आया. जिसके बाद विकासखंड दुगड्डा के उप शिक्षा अधिकारी ने विकासखंड के अंतर्गत बिना मान्यता के संचालित हो रहे 18 स्कूलों को नोटिस जारी किया था. जिसमें इन स्कूलों को तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश दिए गये थे. अब इस नोटिस में मुख्यमंत्री के सलाहकार के स्कूल का नाम व कोटद्वार में भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता के स्कूल के नाम आने के बाद एक नया मोड़ आ गया है. जिसके बाद आनन-फानन में छुट्टी के दिन ही उप शिक्षा अधिकारी दुगड्डा को शुद्धि पत्र जारी करना पड़ा.
बता दें कि 9 अगस्त की देर शाम को दुगड्डा के उप शिक्षा अधिकारी ने विकास खंड में बिना मान्यता प्राप्त संचालित हो रहे स्कूलों का रिकॉर्ड खंगालते हुए विकासखंड क्षेत्र में 18 स्कूलों को नोटिस जारी किया था. जिसमें इन मान्यता विहीन स्कूलों को तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश दिए गये थे. उप शिक्षा अधिकारी ने इस नोटिस की सूची मुख्य शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी को भी भेजी थी. वहीं, अब इस सूची में मुख्यमंत्री के सलाहकार के स्कूल का नाम आने से मामले में नया मोड़ आ गया है. राजनीतिक दबाव में दुगड्डा ब्लॉक के उप शिक्षा अधिकारी को तत्काल प्रभाव से छुट्टी के दिन ही अपने द्वारा जारी किए हुए नोटिस के बदले शुद्धि पत्र जारी करना पड़ा. शिक्षा के क्षेत्र में ये पहली बार नहीं हुआ है इससे पहले भी कई बार सरकार के आदेशों में फेरबदल होता नजर आया है.
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इस मामले पर बोलते हुए उत्तराखंड विकास पार्टी के अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने कहा है कि उप शिक्षा अधिकारी ने विकासखंड दुगड्डा में स्कूलों को नोटिस भेजा है जो कि एक विधिक प्रक्रिया है, उसका जवाब दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि नोटिस भेजे जाने के बाद मामले में जो राजनीति हो रही है सभी लोग जानते हैं कि वो क्यों हो रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के सलाहकार के स्कूल को भी नोटिस जारी कर दिया गया है, इसलिए ये मामला गरमा गया है. मुजीब नैथानी ने कहा कि ये बड़े दुख की बात है कि प्रभावशाली लोग ही नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा शासनकाल में इस तरह की घटनाएं ज्यादा बढ़ रही हैं.