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पहाड़ों पर ड्रैगन फ्रूट उगाने की कोशिश, उद्यान विभाग का पायलट प्रोजेक्ट शुरू - कुछ नया करने की इच्छा से मिली राह

उत्तराखंड उद्यान विभाग ने श्रीनगर में ड्रैगन फ्रूट की खेती पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की. अगर यह प्रोजेक्ट सफल रहा तो आने वाले दिनों में यह प्रदेश के किसान और युवाओं के लिए यह स्वरोजगार का बड़ा साधन बन सकता है. क्योंकि ड्रैगन फ्रूट खेती के लिए एक तो बहुत कम ही पानी की आवश्यकता पड़ती है. साथ ही इसमें कांटे होने के वजह से जानवर भी इससे दूर रहते हैं. वहीं, इसकी एक फल 100 से 150 रुपये में बिक जाती है.

srinagar Dragon fruit cultivation
ड्रैगन फ्रूट की खेती का पायलट प्रोजेक्ट शुरू

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Published : Jul 6, 2022, 8:10 PM IST

Updated : Jul 6, 2022, 11:19 PM IST

श्रीनगर: विदेशों में उगने वाला ड्रैगन फ्रूट अब उत्तराखंड के पहाड़ी जनपदों में भी आपको देखने को मिलेगा. उत्तराखंड उद्यान विभाग ने श्रीनगर में ड्रैगन फ्रूट की खेती पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू कर दी है. अगर ये प्रोजेक्ट सफल रहा तो ड्रैगन फ्रूट की पौध आमजन तक भी पहुंच सकेगा. वहीं, प्रदेश के बेरोजगार युवा ड्रैगन फ्रूट की खेती करके स्वरोजगार की तरफ आगे बढ़ सकेंगे. इससे पहाड़ों से लेकर मैदान तक युवाओं को नया रोजगार मिल सकेगा.

उद्यान विभाग ने श्रीनगर स्थित विभाग की नर्सरी में अपनी साढ़े तीन नाली भूमि पर ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहा है. इसके लिए विभाग ने भूमि के अंदर 72 स्टैंड स्थापित किए हैं, जिसमें 214 पौधे इन स्टैंड पर लगाए गए हैं. हर स्टैंड पर ड्रैगन फ्रूट के चार बेलनुमा पौधे लगाई हुई है. जिससे ड्रैगन फ्रूट के फल इन पौधों पर आ सके. विभाग ने इन ड्रैगन फ्रूट के पौधों को राजस्थान से मंगाया है. ताकि ड्रैगन फ्रूट की खेती सफलतापूर्वक प्रदेश में की जा सके.

ड्रैगन फ्रूट की खेती

फिलहाल ड्रैगन फ्रूट की खेती पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर श्रीनगर में ही किया जा रहा है. अगर विभाग को इसकी खेती में सफलता मिली तो ड्रैगन फ्रूट की खेती पूरे प्रदेश में स्वरोजगार के रूप में की जा सकेगी. अभी तक देश के राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र में ड्रैगन फ्रूट की खेती की जाती रही है, लेकिन प्रदेश सरकार के प्रयासों के चलते अब इसे प्रदेश में भी किया जा सकेगा .
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उद्यान विभाग के अपर प्रशिक्षक अधिकारी पुरुषोत्तम बडोनी ने ईटीवी भारत से बात बताया कि ड्रैगन फ्रूट उत्तराखंड के युवाओं और किसानों के लिए एक अच्छी नकदी फसल के रूप में कारगर साबित हो सकती है. उन्होंने बताया कि इसकी खेती उत्तराखंड की बिखरी हुई जमीन के लिए एकदम उपयोगी है. इसके खेती के लिए अधिक भूमि की जरूरत भी नहीं पड़ती, ना ही इसकी खेती में पानी की जरूरत पड़ती है. ये एक जीरो फाइट पौधा है, जो पानी को सोखता है. इसका एक फल 100 से 150 रुपये में बाजार में आसानी से बिक जाता है.

उन्होंने बताया कि इसकी खेती को जंगली जानवरों से कोई भी नुकसान नहीं होता. इसके फल और बेल में कांटे लगे होते हैं, जिससे ना बंदर इनकी ओर आता है और ना कोई जंगली सुअर. युवा इसकी खेती आसानी से कर सकते हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि ड्रैगन फ्रूट की खेती से युवाओं को जोड़ा जा सकता है. इससे ग्रामीणों और बेरोजगार युवाओं को रोजगार भी मिल सकेगा.

Last Updated : Jul 6, 2022, 11:19 PM IST

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