उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

श्रीनगर में 14 मार्च को निकाली जायेगी फूलदेई यात्रा, रंगकर्मी देंगे ये संदेश - Theater artist Anoop Bahuguna

श्रीनगर में 14 मार्च को फूलदेई की यात्रा निकाली जाएगी. यात्रा सुबह 6 बजे नागेश्वर महादेव मंदिर से होते हुए श्रीनगर के मुख्य मार्गों पर ढोल वादन के साथ फूलदेई यात्रा आयोजित की जायेगी.

srinagar
श्रीनगर

By

Published : Mar 12, 2022, 3:54 PM IST

Updated : Mar 12, 2022, 4:18 PM IST

श्रीनगर:शहर के रंगकर्मियों एवं संस्कृति प्रेमियों की ओर से आगामी 14 मार्च से फूलदेई त्यौहार मनाया जायेगा. श्रीनगर में आयोजित बैठक में रंगकर्मी महेश गिरी व अनूप बहुगुणा ने कहा कि आगामी 14 मार्ग को सुबह 6 बजे नागेश्वर महादेव मंदिर से होते हुए शहर के मुख्यमार्गों पर ढोल वादन के साथ फूलदेई यात्रा आयोजित की जायेगी. कार्यक्रम के दौरान स्कूली बच्चों द्वारा तैयार की गई घोघा माता की डोलियां के साथ चैती गायन की प्रस्तुति भी देंगे.

रंगकर्मी महेश गिरि ने कहा कि फूलदेई उत्तराखंडी परंपरा और प्रकृति से जुड़ा सामाजिक सांस्कृतिक व लोक पारंपरिक त्योहार है, जोकि चैत्र संक्रांति के पहले दिन से शुरू होता है. गढ़वाल में इसे घोघा कहा जाता है. फूलदेई की स्मृद्धि पंरपरा के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए रंगकर्मियों और संस्कृति प्रेमियों द्वारा प्रयास किया जा रहा है. संस्कृति प्रेमियों ने स्थानीय निवासियों से सहयोग की अपील की हैं.

श्रीनगर में 14 मार्च को निकाली जायेगी फूलदेई यात्रा.

क्या है फूलदेई त्योहार:फूलदेई पर्व उत्तराखंड के प्रमुख त्योहारों में से एक त्यौहार है. इसका त्योहार का साधा संबंध प्रकृति से है. फूल संक्रांति के नाम से भी जाना जाने वाला फूलदेई का यह पर्व सदियों पूर्व से पर्यावरण को बचाने के लिए मनाया जाता है. यह एक मुहिम थी, जिसके माध्यम से पहाड़ों में पेड़-पौधे, नदियों तथा फूल-पत्तियों को बचाया जा सके, जिससे भविष्य में आगामी पीढ़ियों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली परेशानियों का सामना ना करना पड़े.
पढ़ें- उत्तराखंड में सरकार बनने में हो सकती है देरी, ये रहा कारण

उत्तराखंड के फूलदेई त्योहार को मानाने का उद्देश्य हमेशा से यही रहा है कि इस त्यौहार के माध्यम से पेड़-पौधों, फूल-पत्तियों और नदियों से प्रेम करने की सीख दी जा सके. सदियों पूर्व पहले चलायी गयी यह मुहिम पीढ़ी दर पीढ़ी लोक गीतों के माध्यम से आगे बढ़ रही है. चैत्र मास की संक्रांति अर्थात पहले दिन से ही बसंत आगमन की खुशी में मनाया जाने वाला उत्तराखंड का फूलदेई पर्व 'रोग निवारक औषधि संरक्षण' दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.

Last Updated : Mar 12, 2022, 4:18 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details