श्रीनगरः पौड़ी में एक विदेशी मूल का व्यक्ति ग्राम पंचायत में अनुसूचित जाति आरक्षित सीट से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में वार्ड मेंबर (ग्राम पंचायत सदस्य) निर्वाचित हुआ है. ग्राम प्रधान की शिकायत के बाद नायब तहसीलदार पौड़ी की जांच में वार्ड मेंबर के नेपाली मूल के होने और अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र गलत पाया गया है. तहसीलदार पौड़ी ने जांच के बाद नेपाली मूल के व्यक्ति का जाति प्रमाण पत्र तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है. अब पंचायतीराज विभाग ने एसडीएम सदर से विदेशी मूल के व्यक्ति की वार्ड मेंबर पद की सदस्यता निरस्त किए जाने की संस्तुति की है.
ये है पूरा मामला: विकासखंड कल्जीखाल के ग्राम पंचायत बेड़गांव के ग्राम प्रधान प्रमोद रावत (वर्तमान में निलंबित) ने अक्टूबर 2021 में तत्कालीन जिलाधिकारी पौड़ी को एक शिकायती पत्र सौंपा था. पत्र में उन्होंने ग्राम पंचायत के एक वार्ड मेंबर के नेपाली मूल के होने की शिकायत की थी. मामले में कोई कार्रवाई नहीं होने के बाद अप्रैल 2023 में प्रधान रावत ने डीएम पौड़ी डॉ. आशीष चौहान से कार्रवाई की मांग की. डीएम डॉ. चौहान ने मामले की जांच तहसीलदार पौड़ी को सौंप आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. मामले की जांच नायब तहसीलदार पौड़ी ने की.
2021 में बनाया SC सर्टिफिकेट:नायब तहसीलदार पौड़ी की जांच में पाया गया कि बेड़गांव में 1950-60 के दशक में नेपाली मूल का एक व्यक्ति वीर बहादुर आया था. जिसे 1977 में एक आवासीय परियोजना के लिए भूमि का पट्टा आवंटित हुआ था. उक्त नेपाली मूल के व्यक्ति ने तहसील सतपुली के एक गांव की एक युवती से विवाह कर लिया. जिसके बाद से उक्त नेपाली मूल के व्यक्ति और परिवार के सदस्यों का नाम परिवार रजिस्टर में दर्ज हो गया था. वह तब से निरंतर सरकारी योजनाओं का लाभ उठा रहा है. नेपाली मूल के व्यक्ति ने बेटे चंद्रमोहन का वर्ष 2012 में अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र बनाया था. वर्ष 2019 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में उक्त नेपाली मूल के व्यक्ति का बेटा चंद्रमोहन बेड़गांव पंचायत में अनुसूचित जाति आरक्षित सीट से निर्विरोध वार्ड मेंबर बन गया था.
ये भी पढ़ेंः जसपुर की फीका नदी में अवैध खनन पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, डीएम से चार हफ्ते में मांगा जवाब