पौड़ीः हरिद्वार से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक को केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जिसके बाद यहां के लोगों को उनसे काफी उम्मीदें जग गई हैं. निशंक के केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलते ही राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) के स्थाई कैंपस को लेकर लोगों की कयास तेज हो गई है. स्थानीय लोगों के जुबान पर केवल एनआईटी के लिए स्थाई कैंपस बनाने की मांग है. वहीं, लोगों का कहना है कि पहाड़ में अच्छी शिक्षा और विकास के लिए स्थाई कैंपस जल्द श्रीनगर में बनना चाहिए.
जानकारी देते स्थानीय लोग.
बता दें कि श्रीनगर में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) अब तक किराये के अस्थायी कैंपस में संचालित हो रहा है. इस अस्थायी कैंपस में सुविधाएं न होने और एनआईटी को मैदान में शिफ्ट करने की मांग को लेकर एनआईटी छात्र कई बार धरना-प्रदर्शन कर चुके हैं. कैंपस को कई बार अन्य जगह पर शिफ्ट करने की कोशिश की गई. जिसका स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध किया था.
सुमाड़ी में भूमि चयनित करने के बाद भी कई अड़चने सामने आईं. मामला तब ज्यादा पेचीदा हो गया, जब बीते साल कैंपस से लैब जाते वक्त दो छात्राएं वाहन के चपेट में आ गये थे. इस दौरान छात्राओं को बदरीनाथ हाई-वे पर एक बेकाबू कार ने टक्कर मार दी थी. इस दुर्घटना में एक छात्रा गंभीर रूप से घायल हो गई थी.
इतना ही नहीं स्थाई कैंपस और कैंपस के स्थानातंरण के लिए छात्रों ने परीक्षा का बहिष्कार भी किया था. जिसमें करीब 900 छात्र कैंपस खाली कर अपने-अपने घर निकल गए थे. जंतर-मंतर दिल्ली में आंदोलन के बाद एमएचआरडी (मानव संसाधन विकास मंत्रालय) ने एनआईटी जयपुर के खाली भवनों में तीन साल के लिए सेटेलाइट कैंपस चलाने का निर्णय लिया था. छात्रों से दोनों स्थानों में किसी भी एक स्थान चुनने का विकल्प दिया गया था.
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वहीं, दूसरी ओर पौड़ी के रहने वाले और हरिद्वार से सांसद रमेश पोखरियाल निशंक को केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है. ऐसे में स्थानीय लोगों को निशंक से एनआईटी के स्थाई कैंपस को लेकर उम्मीद जग गई है. स्थानीय लोगों ने Etv Bharat से बातचीत करते हुए बताया कि निशंक के एचआरडी मंत्री बनने से एनआईटी पहाड़ में ही रुकेगा. जल्द स्थाई कैंपस का निर्माण भी होगा.
लोगों का कहना है कि मुख्यमंत्री रहने के दौरान रमेश पोखरियाल निशंक ने एनआईटी के निर्माण की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक एनआईटी को स्थाई कैंपस नहीं मिल पाया है. अब निशंक को मंत्रिमंडल में जगह मिलने के बाद वो एनआईटी को श्रीनगर में रखेगें. इससे पहाड़ों में गुणवत्ता पूवर्क शिक्षा और विकास होगा.