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पौड़ी: स्मारक को रखरखाव की दरकार, नयारघाटी में आई आपदा की निशानी - 30 चालक और परिचालकों की मौत

साल 1951 में सतपुली के नयारघाटी में आई बाढ़ में 15 से 20 बसें बह गई थी. जिसमें 30 चालक और परिचालकों की मौत हो गई थी. उनकी स्मृति में एक स्मारक बनाया गया है, लेकिन उसका रखरखाव नहीं किया जा रहा है.

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Published : Jan 22, 2020, 6:23 PM IST

पौड़ीःसतपुली में स्थित एक स्मारक रखरखाव की अभाव में खस्ताहाल हो गई है. यह स्मारक 30 चालक और परिचालकों की याद में बनाया गया है. जिन्होंने साल 1951 में बाढ़ में जान गंवाई थी, लेकिन स्मारक के चारों ओर कोई चारदीवारी नहीं बनाई गई है, ना ही सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. ऐसे में यह स्मारक बदहाल होता जा रहा है. वहीं, स्थानीय लोगों ने सरकार से इसके संरक्षण की गुहार लगाई है.

सतपुली में स्थित स्मारक.

बता दें कि साल 1951 में सतपुली के नयारघाटी में भीषण बाढ़ आ गई थी. जिसमें 15 से 20 बसें बह गई थी. इन बसों में 30 चालक और परिचालक सो रहे थे. जिनकी मौत हो गई. जिसके बाद जीएमओयू ने इन सभी मृतकों के स्मृति में स्मारक के लिए एक नाली जमीन दान में दी थी. जहां पर एक स्मारक बनाया गया है. साथ ही इस स्मारक में उस दु:खद घटना का पूरा विवरण दिया गया.

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वहीं, इन दिनों विद्युत विभाग की ओर से इस भूमि पर निर्माण कार्य करवाया जा रहा है. जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि स्मारक की रखरखाव के बजाय निर्माण कार्य किया जा रहा है. जिसके साथ किसी भी प्रकार से छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए.

सामाजिक कार्यकर्ता महिपाल सिंह रावत ने कहा कि इस स्मारक के लिए दी गई 1 नाली जमीन पर लोगों के बैठने के लिए उचित व्यवस्था होनी चाहिए. साथ ही यहां चारदीवारी बनाई जाए, जिससे स्मारक की भूमि को संरक्षित और सुरक्षित रह सके.

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