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पौड़ी RTO का हुआ प्रमोशन, सिमड़ी बस हादसे की कड़वी याद लेकर हुए विदा, अब पठोई को जिम्मेदारी

उत्तराखंड के पांचवें सबसे बड़े पौड़ी जिले में नए आरटीओ की तैनाती हो गई है. पौड़ी आरटीओ प्रशासन राजीव मेहरा की पदोन्नति होने के बाद अब नए आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई को जिले के परिवहन विभाग की कमान सौंपी गई है. राजीव मेहरा का कार्यकाल भले ही छोटा रहा, लेकिन कई कड़वी यादें जुड़ गई. उनके कार्यकाल में ही सिमड़ी बस हादसा हुआ. जिसमें 32 लोगों की जान चली गई. इसके अलावा किसी न किसी दिन हादसों में लोगों की जान जाती रही.

Puari RTO Office
पौड़ी आरटीओ प्रशासन राजीव मेहरा की पदोन्नति

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Published : Oct 27, 2022, 6:48 AM IST

पौड़ीःजिला मुख्यालय पौड़ी के संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) राजीव मेहरा की पदोन्नति हो गई है. राजीव मेहरा को उप परिवहन आयुक्त देहरादून बनाया गया है. उनकी जगह अब आरटीओ प्रशासन दिनेश चंद्र पठोई को तैनात किया गया है. हालांकि, पठोई इससे पहले सहायक परिवहन अधिकारी के रूप में जिले की परिवहन व्यवस्था संभाल चुके हैं. उनके लिए जिले की विषम भौगोलिक परिस्थितियां नई नहीं हैं.

उत्तराखंड के पौड़ी जिले में नए आरटीओ की तैनाती के आदेश होने के बाद उनके सामने कई चुनौतियां होंगी. पौड़ी के आरटीओ प्रशासन राजीव मेहरा की पदोन्नति होने के बाद अब नए आरटीओ को जिले के परिवहन विभाग की कमान सौंपी गई है. हालांकि, राजीव मेहरा को इसी साल पौड़ी में तैनात किया गया था.

विषम भौगोलिक क्षेत्र वाले पौड़ी जिले में बीते दिनों बीरोंखाल के सिमड़ी में बड़ी बस दुर्घटना हुई थी. इसके अलावा पौड़ी के दूरस्थ क्षेत्रों में आज भी धड़ल्ले से ओवरलोडिंग होती है. जिसके चलते पहाड़ी क्षेत्रों में दुर्घटनाओं को आंकड़ा बढ़ रहा है. जिनको रोकने में परिवहन विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है.
ये भी पढ़ेंःअब नहीं काटने होंगे आरटीओ के चक्कर, परिवहन विभाग की 18 सेवाएं हुई ऑनलाइन

नए अफसरों के लिए ओवरलोडिंग होगी चुनौतीः पौड़ी के निर्वतमान आरटीओ प्रशासन राजीव मेहरा (Pauri RTO Administration Rajiv Mehra Got Promotion) के लिए जिला कड़वी यादें देकर गया. महज 6 से 8 महीने के कार्यकाल में आरटीओ मेहरा के सामने ओवरलोडिंग के चलते बीरोंखाल के सिमड़ी में भीषण बस हादसा हुआ. जिसमें 32 की मौत तो 19 घायल हो गए थे. इस हादसे ने परिवहन विभाग की व्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी.

ओवरलोडिंग पर नजर रखने वाला कोई नहींःपरिवहन विभाग मुख्यालय के प्रमुख चौक चौराहों पर चेकिंग अभियान तो चलाता है, लेकिन दूरस्थ क्षेत्रों में कोई पूछने वाला नहीं. जिसका नतीजा ओवर लोडिंग होता है. वाहन चालक नियमों को ताक पर रखकर धड़ल्ले से ओवरलोडिंग (Overloading in Pauri) करते हैं. जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ता है.

पौड़ी में हो चुके बड़े हादसेःबीती 4 अक्टूबर 2022 को पौड़ी जिले के सिमडी बस हादसे (Pauri Bus Accident) में 32 बारातियों की दर्दनाक मौत हो गई थी. इससे पहले भी 1 जुलाई 2018 को धुमाकोट में भी ऐसा ही एक भीषण बस हादसा (Dhumakot Bus Accident) हुआ था. जिसमें 48 की मौत तो 13 लोग गंभीर घायल हुए थे. यह हादसा भी ओवरलोडिंग के चलते हुआ था.

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