पौड़ी: जनपद के कोटमंडल गांव के रहने वाले एक ही परिवार के नेत्रहीन भाई-बहनों में संगीत की प्रतिभाएं छिपी हुई हैं. ये तीनों भाई-बहन बिना ट्रेनिंग के ही हारमोनियम, बांसुरी और विभिन्न प्रकार के वाद्य यंत्रों को बजाने के साथ ही कई गीतों को आसानी से गा लेते हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में दिव्यांगों ने बताया कि उन्हें बचपन से ही परिवार के भरण-पोषण के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा. इन तीनों भाई-बहनों का कहना है कि वो संगीत के क्षेत्र में कुछ करना चाहते हैं लेकिन, उनके पास संसाधनों की कमी है. ऐसे में तीनों दिव्यांग भाई-बहनों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
दिव्यांग होने के बाद भी किस्मत को मात देता ये दिव्यांग और गरीब परिवार पौड़ी जनपद के कोटमंडल गांव का रहने वाला है. दिव्यांग होने के बावजूद इन्होंने दिव्यांगता को कभी अपने आड़े नहीं आने दिया. निर्मल उनकी बहन और उनका एक भाई आज भी अपने संघर्ष की दर्द भरी कहानी को भी बयां करते हैं. संस्कृति और कला में संघर्ष कर रहे दिव्यांग संगीत के क्षेत्र में कमाल कर रहे हैं.
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