पौड़ी: जिले के कल्जीखाल ब्लॉक के संगुडा गांव में रहने वाले 84 वर्षीय विद्या दत्त शर्मा पर आधारित लघु फिल्म 'मोती बाग' का चयन अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार ऑस्कर के लिए नामित हुआ है. पहाड़ की पीड़ा और पलायन पर आधारित ये लघु फिल्म केरल में हुए अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में पहले स्थान से सम्मानित हो चुकी है. अब मोती बाग लघु फिल्म अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी छटा बिखेरने जा रही है, जो पौड़ी के साथ पूरे प्रदेश के लिए गौरव की बात है.
ऑस्कर के लिए नामित हुई 'मोती बाग'. इस लघु फिल्म मोती बाग में दिखाया गया है कि एक तरफ लोग लगातार पहाड़ों से पलायन कर रहे हैं और गांव खाली होते जा रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर 84 वर्षीय बुजुर्ग विद्या दत्त शर्मा ने पहाड़ की विषम परिस्थितियों में भी खेतों के प्रति प्रेम और अपनी मेहनत से अपने मोती बाग को हरा भरा रखा है.
विद्या दत्त शर्मा का पहाड़ों से प्रेम ऐसे ही दिख रहा है कि उन्होंने सरकारी नौकरी से त्यागपत्र देकर खेत खलिहान के प्रति अपना प्यार समर्पित कर दिया. उनके द्वारा उगाया हुआ मूला जिसका वजन 24 किलो था, लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए भी नामित किया गया था. इस फिल्म के माध्यम से विद्या दत्त शर्मा की जीवन शैली पर प्रकाश डाला गया है कि उन्होंने किस प्रकार से संघर्ष करके पलायन को मात दी है.
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विद्या दत्त शर्मा के पुत्र त्रिभुवन ने बताया कि उनके पिता ने अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर खेत खलिहान में अपने पसीने से फसल उगाने का काम किया है. उन्हें गौरव होता है कि उनके पिता जिस उम्र में मेहनत और लगन से खेतों में काम कर रहे हैं. उसे देखकर आज के युवा भी प्रेरित हो रहे हैं. आज जिस तरह पलायन पहाड़ों के लिए नासूर की तरह बढ़ता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर उनके पिता अपनी मेहनत से खेतों में सब्जियां उगा कर अपनी एक अलग छाप छोड़ रहे हैं.